लखनऊ के अंशुल गुप्ता 20 फरवरी को दूल्हा बन कर घोड़ी चढ़ने वाले हैं. अब ये बात दूसरी है कि अंशुल की इन दिनों नींद उड़ी हुई है. आशीष को पता नहीं है कि वो अपनी ही शादी के लिए 20 तारीख को उपलब्ध हो पाएंगे या नहीं. दरअसल, माजरा ये है कि अंशुल की प्रशासन ने 19 और 20 फरवरी को चुनाव-ड्यूटी लगा दी है. अब शादी की तैयारियों को छोड़ आशीष हर दिन सुबह कलेक्ट्रेट में हाजिरी लगा रहे हैं. चुनाव ड्यूटी से अपना नाम कटवाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं.
लखनऊ में मेडिकल कॉलेज स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा में कार्यरत अंशुल घर के इकलौते बेटे हैं. इनकी शादी विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान से बहुत समय पहले ही तय हो गई थी. अब जैसे जैसे शादी की तारीख 20 फरवरी पास आती जा रही है, वैसे वैसे अंशुल और घरवालों की बेचैनी बढ़ती जा रही है.
अंशुल जहां खुद अधिकारियों से मिलकर अपनी परेशानी बता रहे हैं. वहीं आधिकारिक ई-मेल, डाक और वॉट्सअप के जरिए भी अपनी गुहार उन तक पहुंचा रहे हैं. बैंक में ड्यूटी देने के बाद अंशुल का सारा वक्त इसी काम में जा रहा है. ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वो शादी की तैयारियों के लिए कब वक्त निकालें.
अंशुल को भरोसा है कि उनकी परेशानी को देखते हुए उनका नाम चुनाव ड्यूटी से हटा दिया जाएगा. अंशुल की शादी को एक हफ्ता ही रह गया है. अब देखना है कि 14 फरवरी को वैलेन्टाइन्स डे पर प्रशासन की ओर से वो खबर सुनने को मिलती है या नहीं, जिसे सुनने के लिए उनके कान बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
लखनऊ कलेक्ट्रेट में चुनाव ड्यूटी हटवाने के लिए इन दिनों कर्मचारियों की लंबी कतार देखी जा रही हैं. हर किसी के अपने कारण है लेकिन ऐसे कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है जो मेडिकल ग्राउंड पर चुनाव ड्यूटी हटवाना चाहते हैं. ऐसे ही एक कर्मचारी है नरेश. उनका दावा है कि वे कैंसर से पीड़ित हैं फिर भी चुनाव में उनकी ड्यूटी लगा दी गई है.
लखनऊ में एसडीएम निधि श्रीवास्तव का इस बारे में कहना है कि चुनाव में ड्यूटी देना सबके लिए जरूरी है. हालांकि जिन्हें सचमुच में परेशानी है, उनके आवेदनों पर विचार किया जाता है. जिन्हें मेडिकल समस्या है उनके लिए मेडिकल बोर्ड बना है.