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दादरी के चुनावी मैदान में गूंज रहा है गोरक्षा का मुद्दा, अखलाक की हत्या के आरोपियों को जेल पर जारी

मोहम्मद अखलाक की हत्या के आरोपियों के परिजनों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. उनका आरोप है कि मामले में कई बेगुनाह नौजवान फंसाये गए हैं. कई गांववालों के साथ दादरी से बीजेपी प्रत्याशी तेजपाल नागर भी इन परिवारों का समर्थन कर रहे हैं.

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दादरी में मोहम्मद अखलाक की मौत है चुनावी मुद्दा
दादरी में मोहम्मद अखलाक की मौत है चुनावी मुद्दा

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गोरक्षा का मामला यूपी में भले ही चुनावी मुद्दा हो या ना हो लेकिन दिल्ली के नजदीक दादरी के बिसाहड़ा गांव में इसी मसले पर सियासत गर्म है.

वोट नहीं डालेंगे आरोपियों के परिवार
मोहम्मद अखलाक की हत्या के आरोपियों के परिजनों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. उनका आरोप है कि मामले में कई बेगुनाह नौजवान फंसाये गए हैं. कई गांववालों के साथ दादरी से बीजेपी प्रत्याशी तेजपाल नागर भी इन परिवारों का समर्थन कर रहे हैं.

सितंबर 2015 में मोहम्मद अखलाक को गोमांस रखने की अफवाह के बाद कुछ लोगों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद पूरे देश में ये मसला गूंजा था.

कोई तो हमारी सुनो!
बिसाहड़ा के निवासियों की शिकायत है कि चुनाव के दौरान कई नेता उनसे वोट मांगने आए हैं लेकिन जेल में बंद लोगों की रिहाई पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. गांव की कुछ महिलाएं कहती हैं- 'हम नेताओं के झूठे वादों से आजिज आ चुके हैं. अखलाक की हत्या के आरोप में कई बेगुनाहों को जेल में डाला गया है. इसके विरोध में हमने वोट ना डालने का फैसला किया है.'

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कत्ल पर सियासत
हालांकि तेजपाल नागर ने इन लोगों को चुनाव बहिष्कार का फैसला बदलने की सलाह दी है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि चुनाव जीतने के बाद वो आरोपियों की रिहाई में पूरी मदद करेंगे. नागर मानते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की है. उनकी राय में दूसरी पार्टियां ध्रुवीकरण की सियासत कर रही हैं.

लेकिन बीएसपी के प्रत्याशी और विधायक सतबीर गुर्जर इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते. उनका दावा है कि धर्म के आधार पर सियासत करने वाली पार्टियों को इस इलाके में मुंह की खानी पड़ेगी.

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