उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए सोमवार को वोटिंग हुई. इस चरण में अमेठी समेत 11 जिलों की 51 सीटों पर मतदान हुई. 5 बजे तक इस चरण में 57.36 फीसदी वोटिंग होने का अनुमान है. अमेठी, फैजाबाद की सीटों पर सबकी निगाहें हैं. कई जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी के कारण मतदान बाधित हुआ.
पांचवें चरण के मतदान का अपडेट:
-5 बजे तक 57.36% वोटिंग हुई
-3 बजे तक 49.19 फीसदी वोटिंग हुई
-पांचवें चरण में 2 बजे तक 40 फीसदी वोटिंग
-पांचवें चरण में 12 बजे तक 25 फीसदी वोटिंग
-बलरामपुर में हड़पुर, जनकपुर गांव में लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार
-बलरामपुर में तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 353 पर नहीं पड़े एक भी वोट
-11 बजे तक पांचवें चरण में 23 फीसदी मतदान
-सिद्धार्थनगर में बूथ संख्या 189 पर ईवीएम में आई खराबी
-शोहरतगढ़ के गुजरौलिया में मतदान रुका
-बलरामपुर में तुलसीपुर विधानसभा के बूथ नंबर 292 पर ईवीएम खराब, मतदान रुका
अयोध्या में राम मंदिर ही सबसे बड़ा मुद्दा: ज्ञानदास
अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास करने पहुंचे. उन्होंने कहा कि यहां राम मंदिर ही सबसे बड़ा मुद्दा है लेकिन पीएम मोदी को आगे आकर इसका समाधान कराना चाहिए. संत ज्ञानदास ने आज तक के साथ खास बातचीत में कहा कि बीजेपी के तमाम नेता इस मुद्दे को उछालते हैं और चुनाव खत्म होते ही ये मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. ज्ञानदास ने कहा कि पीएम मोदी को इस मसले का समाधान करना चाहिए. ये करोड़ों लोगों की आस्था का विषय है.
'अमेठी में महल नहीं मुद्दों की लड़ाई'
पांचवें चरण में अमेठी सीट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उतरीं रानी अमिता सिंह ने कहा कि यहां लड़ाई महल की नहीं मुद्दों की है. अमिता सिंह के पति संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह बीजेपी कैंडिडेट के रूप में मैदान में हैं. सपा के कद्दावर नेता गायत्री प्रजापति भी मैदान में हैं.
राम मंदिर बनकर रहेगा: कटियार
फैजाबाद में मतदान के लिए पहुंचे बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा हमारे लिए आस्था का विषय है और मंदिर बन कर रहेगा. कटियार ने कहा कि हम पीएम मोदी की अगुवाई में चुनाव मैदान में हैं.
क्या है इन सीटों का समीकरण?
इस दौर में पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिन 51 विधानसभा सीटों पर नेताओं की किस्मत का फैसला होगा, उसमें सबसे अहम राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र अमेठी है. यह चरण सपा और कांग्रेस गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि 2012 के विधानसभा चुनाव में इनमें से करीब 80 फीसदी सीट इन्हीं दोनों पार्टियों ने जीती थी. पिछली बार सपा के खाते में क्षेत्र की 37 सीटें गई थीं, तो वहीं भाजपा और कांग्रेस को पांच-पांच सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें हासिल हुई थीं.
एक सीट पर टला मतदान
इस चरण में पूर्वांचल के 11 जिलों की 52 सीटों पर मतदान होना था, लेकिन अंबेडकर नगर जिले की आलापुर सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चंद्रशेखर कश्यप की मौत के बाद यहां चुनाव टाल दिया गया. अब इस सीट पर 9 मार्च को वोटिंग होगी. सपा ने यहां से अब कश्यप की पत्नी संगीता को उम्मीदवार बनाया है.
सभी दलों ने झोंकी ताकत
बयानों के वार के बीच सभी दलों ने इस चरण की सीटों पर पूरी ताकत झोंक दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां बस्ती, बहराइच और गोंडा में तीन चुनावी रैलियां की, तो वहीं राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार किया और उन्हें जीताने की अपील की. शनिवार शाम इन सीटों पर चुनाव प्रचार थम गया था.
गठबंधन के बावजूद कई सीटों पर कांग्रेस-सपा आमने-सामने
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बावजूद अमेठी और गौरीगंज की सीट पर दोनों पार्टियों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. यहां सबसे दिलचस्प मुकाबला अमेठी सीट पर हो रहा है, जहां सपा सरकार के विवादित मंत्री गायत्री प्रजापति का मुकाबला कांग्रेस नेता संजय सिंह की दोनों पत्नियों गरिमा सिंह और अमिता सिंह से होगा. गरिमा सिंह को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है तो अमिता सिंह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. इससे यहां 'रानी बनाम रानी' मुकाबला हो गया है.
607 उम्मीदवार चुनाव मैदान में
यूपी चुनाव के पांचवें चरण में कुल 607 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 1.84 करोड़ मतदाता करेंगे.
पांचवें चरण के प्रमुख उम्मीदवार
इस चरण में यूपी विधानसभा के अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे, बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर, बीएसपी के वरिष्ठ नेता लालजी वर्मा, पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर अयूब और समाजवादी पार्टी के मंत्री शंखलाल मांझी जैसे दिग्गजों की किस्मत भी दांव पर लगी हुई है.
हर पांचवां उम्मीदवार दागी!
एडीआर के अनुसार पांचवें चरण में 117 दागी उम्मीदवार हैं यानी हर पांच में से एक. हालांकि इस चरण में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में गिरावट आई है. संवेदनशील इलाकों में मतदान सुचारु रूप से कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.