यूपी में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बीजेपी के अंदर माथापच्ची हो रही थी. कई केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य ईकाई के नेताओं के नाम सामने आ रहे थे. इस बीच खबर खबर आ रही है कि मनोज सिन्हा के नाम पर पार्टी के अंदर आम सहमति बन गई है.
मनोज सिन्हा के नाम पर PMO से हरी झंडी मिली है. मिल रही जानकारी के मुताबिक मनोज सिन्हा के नाम का औपचारिक ऐलान शनिवार को किया जाएगा. दरअसल शनिवार को लखनऊ में बीजेपी विधायक दल की बैठक होने वाली है. जिसमें मनोज सिन्हा के नाम पर मुहर लगाई जाएगी. जबकि 19 मार्च को पीएम मोदी की मौजूदगी में दोपहर करीब सवा दो बजे उत्तर प्रदेश की नई सरकार शपथ लेगी.
1. छात्र नेता का बैकग्राउंड
मनोज सिन्हा संचार मंत्री, रेल राज्य मंत्री के साथ-साथ एक सिविल इंजिनियर भी हैं. सिन्हा आईआईटी बीएचयू के छात्र रहे हैं. बीएचयू में छात्र नेता के तौर पर वे काफी सक्रिय रहे.
2. मोदी से करीबी
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध हैं. जब मोदी प्रचारक थे तब मनोज सिन्हा के गांव आते थे. पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब वह मनोज सिन्हा का प्रचार करने गाजीपुर जाया करते थे.
3. साफ सुथरी छवि
आईआईटी बीएचयू से पढ़े मनोज सिन्हा की छवि काफी साफ सुथरी है. मनोज सिन्हा राजनीति में सक्रिय रहे और सिन्हा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी थे और साल 1996 में सिन्हा पहली बार सांसद बने थे. विवादों से अक्सर दूर रहने वाले मनोज सिन्हा मोदी सरकार में अहम रोल निभा रहे हैं.
4. मनोज सिन्हा के काम से मोदी खुश
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में पिछली मुलाकात में सिन्हा के काम और रेल मंत्री के रूप में काफी सराहना की थी और कहा था कि मनोज सिन्हा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश विशेषकर वाराणसी के विकास के लिए बढ़िया काम किया है.
5. सरल स्वभाव
मनोज सिन्हा लोकसभा में तीन बार भाजपा सांसद रहे हैं वह लोअर हाउस में गाजीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं. मनोज सिन्हा भूमिहार जाति से हैं. मनोज सिन्हा अपने सरल स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं.