भले ही समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक हो गया हो. चुनाव आयोग द्वारा सपा पर अखिलेश यादव के नाम की मुहर लग चुकी हो. लेकिन, रविवार दोपहर सपा के घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर कुछ ऐसा हुआ जो आज तक कभी नहीं हुआ था. ऐसा पहली बार हुआ है जब सपा का घोषणा पत्र मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी में जारी किया गया हो. मंच पर सबसे बीच में मुलायम सिंह की कुर्सी लगी थी लेकिन, वह खाली ही रह गई. मुलायम को मनाने के लिए अखिलेश ने फोन किया, आजम खुद उनके घर भी गए लेकिन नेता जी नहीं आए. बाद में अखिलेश ने उनकी नामौजूदगी में ही घोषणा पत्र जारी किया. घोषणा पत्र जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा उनकी पत्नी और पार्टी की सांसद डिंपल यादव, वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
बाद में अखिलेश-डिंपल पहुंचे मुलायम के पास
घोषणा पत्र जारी करने जब मुलायम नहीं पहुंचे तो कार्यक्रम के बाद उन्हें मनाने उनके बेटे अखिलेश यादव और उनकी बहू डिंपल यादव खुद उनके पास गए और उन्हें पार्टी का घोषणा पत्र दिखाया. सपा नेता आजम खान वहां पहले से ही मौजूद थे. अखिलेश ने पिता के साथ की तस्वीर अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर की.
Today’s manifesto takes forward the path of development we have done so far. It further empowers the farmers, youth and the women of UP. pic.twitter.com/E9psIdt20X
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 22, 2017
मुलायम कर सकते हैं 'मन की बात'
रविवार को घोषणा पत्र जारी करने के कार्यक्रम से मुलायम और शिवपाल दोनों ने दूरी बनाए रखी. उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार को मुलायम सिंह यादव प्रेस कांफ्रेस कर अपने मन की बात सबके सामने रख सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक मुलायम के कुछ करीबी उन पर आरएलडी के लिए चुनाव प्रचार करने का दबाव बना रहे हैं. आपको बता दें कि आरएलडी इन चुनावों में राज्य के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है और सीतापुर जिले की कमान उसने मुलायम और शिवपाल के खास रहे रामपाल यादव को सौंपी है.
मुलायम की नाराजगी कहीं इस वजह से तो नहीं
सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह का मानना रहा है कि राजनीति में मतभेद होना चाहिए मनभेद नहीं. लेकिन, अखिलेश और शिवपाल के बीच की दूरी उन्हें परेशान कर रही है. पार्टी ने जब घोषणा पत्र जारी किए तब मंच पर लगे पार्टी के पोस्टर से शिवपाल यादव का चेहरा गायब था. पार्टी ने पोस्टर पर सिर्फ अखिलेश यादव और मुलायम सिंह के चेहरे को ही तरजीह दी है. ऐसे में माना जा रहा है समाजवादी पार्टी शिवपाल यादव के बिना ही आगे बढ़ेगी. घोषणा पत्र के कार्यक्रम से चाचा शिवपाल भी नदारद ही रहे. इसके अलावा उनके मनमाफिक उम्मीदवारो के चुनाव न होने और हाल ही में सपा छोड़ बसपा में शामिल हुए अपने खास नेता अंबिका चौधरी के पार्टी छोड़ने से मुलायम सिंह नाराज हैं.