बीजेपी यानी पार्टी विद डिफरेंस. चुनावों में जीत की ललक ने डिफरेंस खत्म कर दिया है. कांग्रेस और सपा पर परिवारवाद का आरोप लगाने वाली बीजेपी खुद उसी राह चल रही है. अभी हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीजेपी नेताओं से दरख्वास्त की थी कि वे अपने परिवार वालों और नजदीकियों के लिए टिकट न मांगे लेकिन भाजपा की यूपी और उत्तराखंड चुनावों के लिए जारी पहली लिस्ट में भारी परिवारवाद नजर आया. आगे भी तमाम ऐसे नेता लगे हुए हैं जो 'अपनों' की खातिर टिकट की चाहत रख रहे हैं.
उत्तराखंड में परिवारवाद
उत्तराखंड में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा को टिकट दिया है जो पहले कांग्रेसी थे. टिकट बंटवारे के कुछ घंटे पहले भाजपा में शामिल होने वाले प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष यशपाल आर्य और उनके पु़त्र संजीव आर्य को टिकट दे दिया गया. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी की बेटी रितू खंडूरी भूषण को टिकट दिया गया है. आने वाले समय में हो सकता है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी को भी बीजेपी से टिकट दे दिया जाए.
यूपी में 'अपनों' को टिकट
उत्तराखंड की ही तरह यूपी में भी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह को अतरौली से टिकट दिया गया है. हालांकि उम्मीद के मुताबिक गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह की स्थिति अभी क्लियर नहीं हुआ है. जाहिर है कि उम्मीद अभी बाकी है. आपको बता दें कि पंकज सिंह इस समय पार्टी में प्रदेश महामंत्री के पद पर हैं और पिछले कई सालों से यूपी में सक्रिय हैं.
यूपी में कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह की ही तरह कई ऐसे कद्दावर नेता हैं जो अपनों के लिए टिकट की चाह में सिफारिशें कर रहे हैं. डालिए एक नजर...
कलराज मिश्र
केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र भी अपने परिवार की नई पौध बीजेपी के हवाले करने की तैयारी में हैं. 75 साल के हो चुके कलराज बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं अब वे चाहते हैं कि इस विधानसभा चुनावों में पार्टी उनके बेटे अमित मिश्रा को टिकट दे ताकि उनकी राजनीतिक विरासत चलती रहे.
लालजी टंडन
पूर्व मंत्री लालजी टंडन के बेटे आशुतोष गोपाल जी टंडन मौजूदा समय में लखनऊ पूर्व से विधायक हैं. चर्चाएं है कि बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ दिनेश शर्मा भी इस सीट से टिकट की चाह में हैं. इस वजह से टंडन जी एक बार फिर अपने बेटे के टिकट के लिए सिफारिश में लगे हुए हैं.
ओमप्रकाश सिंह
कल्याण सिंह की सरकार में सिंचाई मंत्री रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह भी अपने बेटे अनुराग सिंह की खातिर टिकट की आस रखते हैं. आपको बता दें कि अनुराग सिंह एक बार मिर्जापुर सीट से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, हालांकि उन्हें जीत नसीब नहीं हुई थी. इसलिए पिता जी बेटे का राजनीतिक भविष्य सुधारने में लग गए हैं.
बृजभूषण सिंह
बीजेपी के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह भी अपने बेटे प्रतीक भूषण की खातिर टिकट के इंतजार में हैं. पिछले काफी समय से स्थानीय राजनीति में सक्रिय प्रतीक इन दिनों सोशल मीडिया पर भी छाए हुए हैं.
सांसद हुकुम सिंह
पश्चिमी यूपी में बीजेपी के दिग्गज नेता हुकुम सिंह इस बार अपनी बेटी को कैराना से चुनाव लड़ाना चाहते हैं. इस सीट से वह खुद कई बार विधायक रह चुके हैं.
राम प्रकाश गुप्ता
पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के बेटे डॉ. राजीव लोचन भी लखनऊ से टिकट की उम्मीद रखते हैं. डॉ. राजीव लोचन राजधानी के प्रतिष्ठित बलरामपुर अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात हैं. आने वाले समय में वे वीआरएस (स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति) ले सकते हैं.
विद्या सागर गुप्ता
विद्या सागर भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. अब उनके बेटे अमित गुप्ता भी लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से दावेदारी कर रहे हैं.
रीता बहुगुणा जोशी
कुछ महीनों पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी भी अपने बेटे अमित की खातिर टिकट के जुगाड़ में हैं. सूत्रों के अनुसार रीता जोशी लखनऊ कैंट से अपने बेटे अमित को टिकट दिलवाना चाहती हैं. आपको बता दें कि रीता भी कैंट विधानसभा सीट से ही विधायक थीं.
स्वामी प्रसाद मौर्य
बीएसपी से बगावत कर बीजेपी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बेटे और बेटी को बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़वा चुके हैं. अब उनकी नजर बीजेपी की टिकट सूची पर टिकी हुई है. पिछले दिनों उनकी नाराजगी की खबरें भी सामने आई थी. जिसकी वजह थी उनके 'अपनों' को टिकट न देना.