यूपी विधानसभा चुनाव में जारी बयानबाजी और बीजेपी की ओर से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार ना उतारने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा है कि जाति और धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारा ऐजेंडा राज्य का विकास करना है और हम देश के गरीबी दूर करना चाहते हैं. 'आज तक' से नितिन गडकरी की पूरी बातचीत पढ़ें.
सवाल- राहुल गांधी और अखिलेश कहते हैं कि आप लोग नफरत की राजनीति कर रहे हैं, ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं?
जवाब- हम आतंकवादियों के खिलाफ हैं, मुसलमानों के खिलाफ नहीं और ना ही हम दलितों के खिलाफ हैं. हम नफरत नहीं फैलाना चाहते हैं और ना ही जाति-धर्म के आधार पर राजनीति करना चाहते हैं. हम किसी को लड़ाना नहीं चाहते. देश से गरीबी दूर करना हमारा लक्ष्य है और वैसी ही योजनाएं चला रहे हैं.
सवाल- राहुल गांधी ने कहा है कि अब मोदी जी की आवाज़ चूहे जैसी हो गयी है?
जवाब- जो चुनाव हारता है, वो अपना संयम खो देता है. राहुल और अखिलेश का गठबंधन मजबूरी में हुआ है. मुलायम खुद नहीं चाहते थे कि गठबंधन हो. लेकिन जब अखिलेश को पता चला कि वो हार रहे हैं, तब उन्होंने कांग्रेस की बैसाखी का साथ लिया है, जिसने भी कांग्रेस की बैसाखी का साथ लिया है, कांग्रेस तो डूबी है, साथी को भी ले डूबी है.
सवाल- मायावती ने अमित शाह को सबसे बड़ा आतंकवादी कहा है?
जवाब- जनता ने मायावती को भी देख लिया, उन्होंने भी गरीबी दूर नहीं की और जब कोई चुनाव हारता है तो भाषा पर संयम खो देता है. ऐसे में राजनीति में बड़ा दिल रखते हुए हारने वाले को माफ़ कर देना चाहिए.
सवाल- राहुल गांधी का हमला सीधे पीएम मोदी पर होता है और काफी तीखा होता है?
जवाब- देखिये मोदी जी सिर्फ बीजेपी के नेता नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं. नेहरू जी, इंदिरा जी, राजीव जी, चंद्रशेखर जी, मोरारजी देसाई, नरसिम्हाराव, मनमोहन सिंह देश के पीएम रहे, तो हमारी पार्टी ने पीएम की गरिमा का सम्मान रखा. बड़ा दुर्भाग्य है, हमारे पीएम मोदी ने दुनिया में भारत का गौरव बढ़ाया है और उनके बारे में ऐसी ओछी बातें करना विपक्षियों को शोभा नहीं देता. ऐसे में जो लोग पीएम के लिए ऐसी ओछी बातें कर रहे हैं, उनके बारे में जनता के मन जो भी थोड़ी बहुत इज़्ज़त है, उसको भी वो ख़त्म कर रहे हैं.
सवाल- विरोधी कह रहे हैं कि इसकी क्या वजह है कि प्रधानमंत्री विकास की बात करते-करते श्मशान और कब्रिस्तान आ गए?
जवाब- पीएम की बात को गलत समझा गया. चुनाव में बिजली, छोटे-छोटे रोड, कब्रिस्तान सबकी बात होनी चाहिए, पीएम ने इसके बारे में कहा था. किसी जाति या सम्प्रदाय की तरफ उनका रुख नहीं था. लेकिन सपा, कांग्रेस और बसपा जानबूझ कर इसको धर्म और जाति के ज़हर में घोलकर चुनाव जीतना चाहते हैं. इन विरोधी दलों की राजनीति हमेशा से ही जाति और धर्म के आधार पर बांटकर चली है.
सवाल- यूपी में बीजेपी का चेहरा नहीं है, नुकसान होगा या नहीं?
जवाब- चेहरा नहीं होने से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होने जा रहा है.