यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि पार्टी को एक भी ऐसा मुसलमान कार्यकर्ता नहीं मिला जिसे टिकट देते तो वो जीत जाता. आजतक से खास बातचीत में मौर्य ने यह बात कही. उन्होंने मायावती से सवाल करते हुए कहा कि उन्होंने दलितो का टिकट काटकर मुसलमानों को क्यों दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में आई तो सिर्फ अखिलेश के 5 साल की ही नहीं बल्कि मायावती के पांच साल और मुलायम सिंह के कार्यकाल 14 साल के भ्रष्टाचार की जांच कराएगी. पेश हैं इस एक्सलूसिव इंटरव्यू के अंश-
लगभग आधा चुनाव निकल चुका है, क्या है बीजेपी का आकलन?
पहले, दूसरे चरण में वोट प्रतिशत काफी है, हम जीत रहे हैं... भारी मतदान बीजेपी के पक्ष में है, ये बीजेपी के लिए शुभ संकेत... जातिवाद भूफियाओं को लोगों ने नकारा है... लोग सुशासन वाली सरकार चाहते हैं.
आपने वोटर्स को पोलराइज करने की कोशिशें की हैं...
हमने ध्रुवीकरण की कोई कोशिश नहीं की है, हम तो सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं. मोदी सरकार ने सबका साथ, सबका विकास के साथ अपनी योजनाएं लागू की हैं...देखिए अखिलेश सरकार मुस्लिम बेटियों के इंटर पास करने पर 30 हजार रुपए देती है, लेकिन हिंदू बेटियों के लिए कुछ नहीं, लेकिन बगल के मध्य प्रदेश में देखिए हम इस तरह की योजनाएं बिना भेदभाव लागू करते है...वहां नारा है बेटी-बेटी एक समान हिंदू हो या मुसलमान...
आपने मुसलमानों को टिकट नहीं दिया, क्या आपको मुसलमानों के वोट की जरूरत नही है या आप चाहते हैं कि मुसलमान आपको वोट न दें, ताकि चुनाव पोलराइज हो जाए, तब आप जीतेंगे ?
देखिए अगर हम मुसलमान को दे दें टिकट, तब हमें सेकुलर माना जाएगा, तो ऐसा सेकुलरवाद भाजपा को नहीं चाहिए. बीजेपी उसी को टिकट देगी जो जीतने लायक होगा, पार्टी के सर्वे में आएगा, कार्यकर्ता की सहमति होगी. यूपी में हमें एक भी ऐसा कार्यकर्ता नहीं मिला जिसे हम टिकट देते तो वो जीत जाता. मेरा सवाल मायावती से है कि उन्होंने दलितों का टिकट काटकर क्यों मुसलमानों को टिकट दिया...
मेरा सवाल अखिलेश से है कि उन्होंने कितने दलितों-पिछड़ों का टिकट काटकर मुसलमानों को दिया... ये दोनों यह बताएं कि मुसलमानों की आबादी कितनी प्रतिशत है, उनका हक कितना बनता है जो इतने टिकट दिए गए. यह जवाब उनको देना पड़ेगा. हमारे पास कार्यकर्ता नहीं है ,जब होगा हम लडाएंगे. यूपी से कोई सांसद नहीं जीतकर गया, लेकिन हमने मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा भेजा... एमजे अकबर को राज्यसभा भेजा...दोनो को मंत्री बनाया... कोई मुसलमान जीतकर तो नहीं गया, लेकिन हमने बनाया...जबाब उनको देना चाहिए जिन्होंने पिछड़ों और दलितों के टिकट काटकर केवल तुष्टिकरण की राजनीति के कारण उनको दिया है जो कट्टरपंथी थे, उन्हे दिया है जो दंगे के आरोपी थे. सच्चा रामराज्य आप बीजेपी सरकार में देखेंगे.
आप राम राज्य की बात कर रहे हैं..आपकी पार्टी के नेता कह रहे है कि सरकार बनेगी और राम मंदिर बनेगा...
हमने अपने घोषणापत्र में साफ किया कि सरकार बनने के बाद जल्द ही मंदिर बनने की बाधाओं को दूर किया जाएगा. कोई टाइम फ्रेम नहीं है.
पश्चिमी यूपी में आपने एंटी रोमियो स्क्वाड और यांत्रिक कत्लखानों का मुदद्दा बनाया, लेकिन पूर्वी यूपी में ये आपका मुददा नहीं है...
ऐसा नहीं है देखिए दुधारू पशुओं के गर्दन पर छुरी चलती रहेगी, तो आने वाली पीढ़ियों के बच्चे खून पीएंगे, दूध तो नहीं मिलेगा...अगर दूध चाहिए तो ऐसे कत्लखाने प्रतिबंधित होने चाहिए... यूपी में महिलाओं के प्रति अपराध का ग्राफ बढ़ा है, दो-दो रेप के आरोपी अखिलेश सरकार में मंत्री है और अखिलेश के रहते उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई कितनी चिंता की बात है... जब सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री के खिलाफ आदेश दिया तब रिपोर्ट लिखने का आदेश हुआ. गायत्री के बारे जब सुप्रीम कोर्ट को बोलना पड़े तो सुप्रीम कोर्ट के हालात आप समझ सकते हैं. यूपी की पीड़ित जनता की इस सरकार में सुनवाई नहीं हुई.
पीएम की भाषा पर सवाल उठ रहे हैं... 'यूपी ने मुझे गोद लिया है' इस पर खूब सवाल उठ रहे हैं...
पीएम ने जिस दिन यह कहा कि मैं यूपी का गोद लिया बेटा हूं, तब से पूरा प्रदेश गदगद है. जो यूपी से सांसद है, यूपी से गहरा रिश्ता जोड़कर विकास करना चाहता है , तो ये बड़ी बात है. मोदी जी देश के बेटे हैं, प्रदेश के बेटे हैं, वो पूरे देश को अपना परिवार मानते हैं. पीएम ने ऐसी बात कर यूपी के दिल को छुआ है और दूसरे लोग दीवार खड़ी कर रहे हैं जिसे यूपी की जनता ढहा रही है.
आप किसानों की कर्जमाफी की बात सिर्फ अपनी ही सरकार बनने पर माफ करने पर क्यों कह रहे हैं आप चाहते तो अखिलेश सरकार में भी ये ऐलान कर सकते थे...
देखिए कैबिनेट की पहली बैठक में लघु और मझोले किसानों का कर्ज माफ करेंगे, क्योंकि हालात बदहाल हैं. मैं भी किसान का बेटा हूं, किसान की पीड़ा को समझता हूं. फिलहाल तो हम पूरा कर्ज माफ करेगें, लेकिन भविष्य में अगर कोई किसान कर्ज लेगा तो उसे ब्याज नहीं चुकाना पड़ेगा, सिर्फ कर्ज वापस करना पड़ेगा ब्याज नहीं.
आप अखिलेश सरकार को कोस रहे हैं, लेकिन अखिलेश के खिलाफ कोई पर्सनल एंटी इंकंबेसी नहीं दखाई दे रही...
विकास के नाम पर एक धोखेबाज मुख्यमंत्री हैं अखिलेश. यूपी में अखिलेश के खिलाफ इतना गुस्सा है कि साइकिल की हवा निकल चुकी है. कितना गुस्सा है, इसका अंजादा आप नहीं लगा सकते. 11 तारीख तो जब मतों की गिनती होगी तब ऊंट पहाड़ के नीचे आएगा. सरकारी पैसे के बल पर विज्ञापन देकर विकास दिखाा रही है, जमीन पर जाएं तो न तो सड़क है, न बिजली, ना पीने का पानी मिल रहा है और न ही सुरक्षा मिल रही है.
सत्ता में आने पर आप क्या जांच कराएंगे, क्योंकि अखिलेश पर अब तक कोई दाग नहीं लगा है...
अखिलेश यादव पूरी तरह से दागदार मुख्यमंत्री है. अगर भारत सरकार 14 करोड़ रुपए प्रति किमी सड़क बनाती है, तो अखिलेश जबाब दें कि उन्होंने 30 से 40 करोड़ रुपये में प्रति किमी कैसे बनाई. नोएडा में 100 करोड़ रुपए प्रति किमी मेट्रो बनती है तो लखनऊ में 200 करोड़ रुपए प्रति किमी कैसे बनती है. अखिलेश यादव ने नौकरियां बेची है.
क्या आप अखिलेश के खिलाफ जांच कराएंगे ?
सिर्फ अखिलेश के 5 साल की ही नहीं बल्कि मायावती के पांच साल औऱ अखिलेश के पिताजी मुलायम सिंह के कार्यकाल 14 साल के भ्रष्टाचार की जांच भी कराएंगे और दोषी चाहे कोई हो मंत्री ,अधिकारी ठेकेदार सभी की जांच होगी और उन्हे दंड मिलेगा.
आप अखिलेश को जेल भेजने की बात करते हैं, क्या ऐसा करेंगे?
दोषी चाहे कितना बड़ा ही क्यों न हो हम उसे जेल भेजेंगे. जिसने प्रदेश को लूटा है और जांच में अगर लुटेरे साबित हुए तो सजा मिलेगी.
क्या लगता नहीं कि परिवारिक कलह के बाद अखिलेश की नई छवि सामने आई और उन्होंने सभी दागी लोगों को बाहर किया और एक नए अखिलेश के रूप में सामने आए हैं...
सपा का मतलब गुंडाराज, जमीन कब्जा करने का लाइसेंस मिल गया, थाने में बैठकर मनमर्जी से कार्रवाई करने का अधिकार मिल गया. समाजवादी पार्टी के गुंडे, अपराधी, माफिया सपा छोड़कर कहीं नहीं गए हैं. वो वहीं बैठे हैं. जनता उनसे त्रस्त है. अखिलेश ने अपराधियों को रोका नहीं बल्कि जाति और धर्म देखकर पुलिस को कार्रवाई करने की छूट दी. आजम खान का रिश्तेदार है कि सैफई वालों का रिश्तेदार, यह देखकर सपा सरकार में कार्रवाई हुई. इस कारण से प्रदेश में अपराध का ग्राफ ऊंचा गया.
बीजेपी में बाहरियों की भरमार हुई, आपने अपने लोगों को छोड़कर बाहर से आए लोगों को टिकट दिया, क्या आपको अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं था ?
हमने सबको टिकट नहीं दिए, 30-40 कद्दावर लोगों को लड़ाया है जो चुनावों में विजयी होने जा रहे हैं. जो नाराज थे उन्हे मना लिया है, जो उसके बाद भी नाराज हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. बीजेपी का एक भी कार्यकर्ता खिलाफ में लड़ने वालों के साथ नहीं गया है. बीजेपी में असंतोष नाम की कोई चीज नहीं, सभी को मना लिया गया है.
बड़े नेताओं को साइड लाइन किया, वरुण गांधी को इस्तेमाल नहीं किया गया. कई नेताओं को बीजेपी ने पूछा तक नहीं. क्यों ?
पूरा केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व लगा है और सबको जो सम्मान देना चाहिए वह सम्मान दिया गया है. पूर्वांचल में हम बड़ी विजय की ओर बढ रहे हैं.
आपकी लड़ाई किससे है?
यह मत पूछो कि हम किससे लड़ रहे हैं, बल्कि हालत ये है सपा और बसपा हमसे लड़ रही है, कहीं बसपा हमसे लड़ रही है तो कहीं सपा हमसे लड़ रही है. राहुल और अखिलेश कोई सुनना नहीं चाहता और न ही देखना चाहता है. ये सभा नहीं कर पा रहे केवल रोड शो कर रहे है ताकि जाम लग जाए, कुछ राह चलती भीड़ आ जाएं. लोगों का गुस्सा मतदान के दिन ईवीएम मे दिखाई दे रहा है.
मुख्यमंत्री कौन होगा, क्या केशव प्रसाद मौर्य चेहरा होंगे?
बीजेपी का मुख्यंमत्री बीजेपी का ही होगा, इसका फैसला चुने हुए विधायक और केंद्रीय नेतृत्व करेगा. चेहरा अगड़ा होगा या पिछड़ा हम इस तरह की राजनीति नहीं करते, ये बीजेपी तय करेगी कौन होगा सीएम.
आप रेस में हैं...
मैं बीजेपी के अध्यक्ष के नाते चुनाव प्रचार में हूं, लोगों के लिए जीत सुनिश्चत हो सके इसकी कोशिश कर रहा हूं.