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UP इलेक्शन में दिखेगा महिला पावर, प्रियंका-डिंपल-माया-ईरानी मैदान में

डिंपल यादव पिछले काफी समय से यूपी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक्टिव मोड में हैं. अखिलेश का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वे पिछले कई महीनों से संभाल रही हैं. इसके अलावा हर कार्यक्रम में वे अखिलेश के साथ नजर आती रही हैं.

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डिंपल यादव-प्रियंका गांधी
डिंपल यादव-प्रियंका गांधी

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इन चुनावों में आधी आबादी का रोल महत्वपूर्ण है. इसकी वजह है चुनावों के दौरान पोलिंग बूथ पर लगने वाली महिलाओं की लंबी-लंबी लाइन. सभी पार्टियां महिला वोट बैंक साधने की तैयारी में हैं. सभी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट इस बात को ध्यान में रखते हुए जारी की है.

महिलाओं को ध्यान में रख बनी चुनावी स्ट्रेटजी
चुनावों में जीत की खातिर रणनीति बना रहे राजनीतिक दलों ने इस बार महिलाओं को खासकर ध्यान में रखा है. इसकी तस्दीक पार्टियों के घोषणा पत्र भी करते हैं और उनकी स्टार प्रचारक सूची भी.

दलवार महिला पावर
सपा-कांग्रेस गठबंधन: डिंपल यादव, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी, अपर्णा यादव
बीजेपी: स्मृति ईरानी, उमा भारती, स्वाति सिंह
बीएसपी: मायावती

सुपर एक्टिव मोड में हैं डिंपल
डिंपल यादव पिछले काफी समय से यूपी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक्टिव मोड में हैं. अखिलेश का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वे पिछले कई महीनों से संभाल रही हैं. इसके अलावा हर कार्यक्रम में वे अखिलेश के साथ नजर आती रही हैं. अखिलेश का विकास रथ हो या चुनावी रैलियां डिंपल लगातार अखिलेश के साथ नजर आईं. चुनावी घोषणा पत्र के वक्त भी वे अखिलेश के बगल में ही थीं.

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प्रियंका करेंगी फिर प्रचार
प्रियंका एक बार फिर कांग्रेस की नैया यूपी में पार लगाने के लिए प्रचार करने उतरेंगी. कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की लिस्ट में भी उनका नाम था. हालांकि हाल ही में प्रेस कांफ्रेस में राहुल ने यह कहा था कि उन्हें किसी तरह का दबाव नहीं दिया जाएगा. प्रियंका का मन होगा तभी वे प्रचार का हिस्सा बनेंगी. इस बार ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका रायबरेली और अमेठी के अलावा अन्य जिलों में भी चुनाव प्रचार कर सकती हैं. प्रियंका को कांग्रेस के गढ़ से बाहर निकालने की कवायद कांग्रेस का प्रचार अभियान संभाल रहे चुनाव स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर कर रहे हैं. उनके मुताबिक प्रियंका को अगर चुनाव प्रचार में उतारा जाए तो उससे कांग्रेस को काफी फायदा हो सकता है.

स्मृति संभालेंगी बीजेपी का प्रचार
आम चुनावों के वक्त अमेठी में कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी को कड़ी टक्कर देने वाली देश की कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी विधानसभा चुनावों में बीजेपी का प्रचार कैंपेन संभालेंगी. कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इसी वजह से ईरानी से एचआरडी मिनिस्ट्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पहले ही ले ली गई थी. ईरानी का इस्तेमाल बीजेपी प्रियंका के सामने भी कर सकता है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में ईरानी अमेठी और रायबरेली में अपना नेटवर्क लगातार बढ़ाती रही हैं. वहीं दूसरी ओर इन दोनों जिलों में कांग्रेस की बागडोर प्रियंका गांधी के जिम्मे रहती है. इसके अलावा बीजेपी अपनी केन्द्रीय मंत्री उमा भारती और महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष स्वाति सिंह को भी सामने लाने की तैयारी में है. बुंदेलखंड ही नहीं मध्य यूपी और पूर्वांचल में उमा भारती के प्रशंसक भारी संख्या में हैं. राम मंदिर आंदोलन के दौरान इन इलाकों में उमा भारती काफी एक्टिव थीं. अब बीजेपी उन्हें एक बार फिर चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सौंप रही है. आपको बता दें कि 2012 में महोबा जिले की चरखारी विधानसभा सीट से उमा भारती चुनाव भी लड़ चुकी हैं. स्वाति सिंह उस वक्त चर्चा में आई थीं जब उनके पति दयाशंकर सिंह ने मायावती पर आपत्तिजनक टिपप्णी कर दी थी. स्वाति की तेजतर्रार छवि के चलते ही पहले उन्हें महिला मोर्चे की जिम्मेदारी सौंपी गई और अब वे सरोजनीनगर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ रही हैं.

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मायावती हैं सब पर भारी
इन सभी महिला नेताओं के बीच बीएसपी सुप्रीमो मायावती की छवि यूपी में सबसे मजबूत है. मायावती खुद बीएसपी की सबसे बड़ी स्टार प्रचारक हैं. चार बार प्रदेश की सत्ता संभाल चुकीं मायावती की यूपी में बड़ी फैन फॉलोइंग है. दलित वर्ग (खासकर जाटव) उनका ठोस आधार है. यही वजह है कि लगातार मायावती का आत्मविश्वास मजबूत होता जा रहा है. मायावती ने इन चुनावों में पहली बार अपनी रणनीति बदलते हुए सोशल मीडिया पर भी चुनाव प्रचार शुरू करवा दिया है. बीएसपी के लोग ट्विटर, फेसबुक और वॉट्सएप जैसी सोशल मीडिया साइट पर एक्टिव हैं.

अब देखना यह है कि ये महिला पावर 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक क्या गुल खिलाती हैं. 11 मार्च को यह साफ हो जाएगा कि किन महिला नेताओं को यूपी की जनता ने स्वीकारा तो किन्हें खारिज कर दिया.

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