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... इसलिए मुलायम ने भाई रामगोपाल और बेटे अखिलेश की अनुशासनहीनता पर जड़ा सिक्सर

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और महासचिव रामगोपाल यादव को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. लेकिन चाचा-भतीजे अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच खुन्नस के साथ ही पार्टी के भीतर अंदरुनी कलह के साथ उपजे इस वर्तमान संकट की स्क्रिप्ट चार महीने पहले ही लिख दी गई थी.

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1. 14 अगस्त को शिवपाल यादव ने इस्तीफा देने की धमकी दी थी जिसे मुलायम सिंह यादव ने समझाबुझा कर रोक लिया. लेकिन 12 सितंबर को अखिलेश ने दो विवादास्पद मंत्रियों गायत्री प्रजापति और राज किशोर सिंह को भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर बाहर का रास्ता दिखा दिया.

2. अगले ही दिन मुलायम सिंह यादव ने राज्य इकाई के प्रमुख पद से बेटे अखिलेश को हटाकर भाई शिवपाल को बिठा दिया.

3. 13 सितंबर को अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल से तीन मंत्रालय छीन लिए.

4. इसी दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल के नजदीकी माने जाने वाले मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया.

5. 15 सितंबर को मुलायम बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल से मुलाकात कर दोनों को समझाने की कोशिश की. दो दिन बाद अखिलेश ने चाचा शिवपाल से मुलाकात कर कहा कि पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है.

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6. 18 सितंबर को अखिलेश ने चाचा को वापस मंत्रिमंडल में ले लिया लेकिन फिर अगले दिन शिवपाल ने अखिलेश के सात विश्वासपात्रों को पार्टी से बाहर कर दिया. बावजूद इसके, 26 सितंबर को अखिलेश ने गायत्री प्रजापति को दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल किया.

7. 27 सितंबर को अखिलेश ने चाचा शिवपाल द्वारा निकाले गए अपने विश्वासपात्रों का समर्थन किया और कहा कि वे अनुभवी नेता है और अध्यक्ष को फैसले पर पुनर्विचार करने की सलाह दी.

8. अक्टूबर के शुरुआत में शिवपाल ने हत्या के आरोपी अमरमणि त्रिपाठी को सपा उम्मीदवार बनाया और मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय की घोषणा की. अखिलेश ने एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की.

9. 14 अक्टूबर को मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के उम्मीदवार का निर्णय चुनाव के बाद चुने गए विधायक करेंगे. एक हफ्ते बाद अखिलेश ने फिर चाचा शिवपाल और उनके तीन विश्वासपात्र मंत्रियों को मंत्रालय से हटा दिया.

10. ताजा हालात के नतीजों के पीछे सबसे बड़ी कारण 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट से अखिलेश समर्थक कार्यकर्ताओं को अनदेखी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 235 उम्मीदवारों की एक समानान्तर फेहरिस्त जारी कर दी.



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