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'साइकिल' सवार अखिलेश अब कांग्रेस के साथ टीम बनाने की तैयारी में

यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन की तस्दीक चुनाव आयोग का फैसला आते ही सपा नेता रामगोपाल यादव ने भी की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला न्याय संगत है अब महागठबंधन की कोशिश की जाएगी, हालांकि अंतिम फैसला अखिलेश यादव ही लेंगे.

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राहुल-अखिलेश
राहुल-अखिलेश

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समाजवादी पार्टी में छिड़ी दावेदारी की जंग अखिलेश जीत चुके हैं. सोमवार को चुनाव आयोग ने उन्हें पार्टी का आधिकारिक राष्ट्रीय अध्यक्ष मान लिया और पार्टी का चुनाव चिह्न उनके नाम कर दिया. अब समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव की होगी. चुनाव आयोग का फैसला आते ही लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में अखिलेश समर्थक जश्न मनाते नजर आए. पार्टी कार्यालय पर अखिलेश जिंदाबाद के नारे लगाए जा रहे हैं. चुनाव आयोग के फैसले के बाद यह साफ हो चुका है कि अखिलेश जल्द ही गठबंधन पर अपना फैसला ले लेंगे. तय माना जा रहा है कि पारिवारिक दंगल के चलते पीछे हुई समाजवादी पार्टी गठबंधन की नैया पर बैठ चुनावी समंदर पार करने की कोशिश करेगी. अखिलेश यादव खुद कांग्रेस और अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कर चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन का खाका तैयार हो चुका है. कुछ विधानसभा सीटों पर बात अटकी थी जिनपर बात अंतिम दौर में है. औपचारिक एलान एक-दो दिन में किया जा सकता है.

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यूपी में सपा-कांग्रेस गठबंधन की तस्दीक चुनाव आयोग का फैसला आते ही सपा नेता रामगोपाल यादव ने भी की. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का फैसला न्याय संगत है अब महागठबंधन की कोशिश की जाएगी, हालांकि अंतिम फैसला अखिलेश यादव ही लेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और प्रियंका गांधी के बीच भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है. गठबंधन के बाद किस दल को कितनी सीटें मिलेंगी उसी पर फैसला लेना बाकी है. सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के लिए अखिलेश सपा की करीब 115 सीटें छोड़ सकते हैं. जिनमें से करीब 80 सीटें कांग्रेस के खाते में और बाकी की सीटें अन्य दलों को दी जाएंगी.

कांग्रेस कर रही थी इंतजार
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीएसपी ने अपनी पूरी और बीजेपी ने पहली लिस्ट जारी कर दी है. सपा दुविधा में फंसी थी जबकि कांग्रेस गठबंधन का इंतजार कर रही थी. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के मुताबिक सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जल्द ही नई लिस्ट जारी करेंगे.

मंगलवार को पहले चरण की अधिसूचना
17 जनवरी को पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो जायेगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 73 सीटों के लिए 17 जनवरी को अधिसूचना जारी किये जाने के साथ नामांकन शुरु हो जाएगा.

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गठबंधन से मजबूत होगा मुस्लिमों का भरोसा
उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट 19 फीसदी है जो काफी निर्णायक होता है. पिछले चुनाव में सपा के प्रचंड बहुमत में मुस्लिम वोट का हाथ था तो 2007 में माया के बहुमत में दलित के साथ ब्राह्मण वोट का मेल. पिछले दिनों सपा में छिड़े दंगल से मुस्लिम मतदाता थोड़ा संशय में था. सपा के लिए गठबंधन इसलिए भी जरूरी हो गया था क्योंकि मुस्लिम वोट कमजोर सपा के साथ नहीं खड़ा होना चाहता था. मुलायम सिंह भी कई बार अल्प संख्यक समुदाय को सपा के साथ खड़े होने की भावनात्मक अपील कर चुके हैं.

बीएसपी-बीजेपी भी रख रही है नजर
आपको बता दें कि मुस्लिम लगातार पिछले 15 सालों से सपा का साथ दे रहे हैं. 1991 के बाद आमतौर पर मुस्लिम वोट बीजेपी को हराने वाली पार्टी को ही जाता रहा है. बसपा और भाजपा इस बार सपा के इस वोट बैंक में सेंध लगाने की जुगत में हैं. बसपा ने इस बार 97 मुस्लिम चेहरों को मौका दिया है. पिछली बार उन्होंने सिर्फ 67 मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया था. जबकि भाजपा हज सब्सिडी और कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दे छेड़ कर मुस्लिम वोट बैंक शिफ्ट करना चाहती है.

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