नया साल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला वार....उत्तर प्रदेश पर. नए साल का बिगुल पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाने वाले यूपी की राजधानी लखनऊ से किया. कुछ ही महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव की खुशबू मोदी की स्पीच में पूरी तरह नजर आई. आइए जानें क्या रहा रैली का पंच.....
1. नया अवसर आने का ये नजारा है
मुझे इतनी बड़ी रैली संबोधित करने का अब तक सौभाग्य नहीं मिला. जब मैं लोकसभा का चुनाव लड़ रहा था तब भी हिंदुस्तान के किसी जगह ऐसी भीड़ देखने को नहीं मिली. आज ये दृश्य देखकर अटलजी और कल्याणजी का सीना फूल उठा होगा. 14 साल के बाद एक बार फिर विकास का नया अवसर आने का मैं इस रैली में नजारा देख रहा हूं. भारत को यदि आगे बढ़ना है तो यूपी का आगे बढ़ना जरूरी है.
2. इसलिए रखा भीम नाम
भीम ऐप का नाम भीम इसलिए रखा क्योंकि बाबा भीमराव अंबेडकर ने बताया था कि रुपया क्या होता है. आज जो आरबीआई दिख रहा है वो उनकी सोच है. अगर देश का आर्थिक कारोबार उसके नाम पर चले तो किसी को दिक्कत नहीं होनी चाहिए. मैं चाहता हूं कि इसका प्रयोग गांव गांव में हो. हर घर में उनका नाम लिया जाए. इससे किसी के पेट में चूहे नहीं कूदने चाहिए.
3. बेटा, पैसा और परिवार
कुछ दल ऐसे हैं जिनका कुछ अता पता नहीं है. किसी एक मुद्दे पर सपा बसपा एक नहीं होते. एक दल बेटे को बचा रहा है. दूसरा पूरी तरह पैसों को बचाने में लगा हुआ है. तीसरा दल है जो पूरी ताकत इसमें लगा रहा है कि परिवार का क्या होगा. जो पूरी पार्टी पैसों और परिवार को बचाने में लगी है क्या वो यूपी को बचा पाएंगे. हम आए हैं यूपी को बचाने. हमीं हैं जिसे सिर्फ यूपी बचाना है. न हमें पैसे बचाने हैं और न ही परिवार.
4. बहुमत से आए तो नहीं दिखेंगे बाहुबली
पूर्ण बहुमत दिलाइए. हमें यूपी में भी. यहां आधा अधूरा मत करना, ताकि यूपी के भाग्य को बदलने के लिए कोई रुकावट न आए. दिल्ली की ताकत पूरी तरह आपके साथ आए. देखते ही देखते पूरा यूपी बदल जाए. आप मुझे बताइए सच्चे नागरिक, ईमानदार नागरिक दिन रात गुंडागर्दी का सामना करें तो क्या आपको ऐसा उत्तर प्रदेश चाहिए. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि आप हमें अवसर देंगे तो हम गुंडागर्दी मिटा देंगे.
5. ये जिम्मेवारी का चुनाव है
हमें आशीर्वाद चाहिए. मेरा 2017 का पहला कार्यक्रम आपकी जमीन से शुरू हुआ है ये मेरा सौभाग्य है. और दलों के लिए ये चुनाव होगा. और दलों के लिए सत्ता हथियाने का प्रयास होगा और दलों के लिए कौन मंत्री बने कौन सीएम बने इसका खेल होगा. बीजेपी के लिए ये चुनाव सिर्फ हार जीत का मसला नहीं है. ये हमारे लिए एक जिम्मेवारी का काम है. हमारे ऊपर जिम्मेवारी आने वाली है.