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समाजवादी कुनबे में इन तीन मुद्दों पर बनते-बनते बिगड़ गई बात

समाजवादी कुनबे की जंग खुल्लम खुल्ला और आमने सामने चल रही है. इसमें अखिलेश खेमा फ्रंट फुट पर है और अपनी हर मांग मंगवाने पर अड़ा है. इस बीच यादव कुनबे में सुलह की कोशिशें भी चल रही है, लेकिन तीन बातों पर ये अटक गई हैं.

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अखिलेश यादव की पिता मुलायम से सुलह की कोशिशें जारी हैं
अखिलेश यादव की पिता मुलायम से सुलह की कोशिशें जारी हैं

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समाजवादी कुनबे की जंग खुल्लम खुल्ला और आमने सामने चल रही है. इसमें अखिलेश खेमा फ्रंट फुट पर है और अपनी हर मांग मंगवाने पर अड़ा है. इस बीच यादव कुनबे में सुलह की कोशिशें भी चल रही है, लेकिन तीन बातों पर ये अटक गई हैं. दरअसल अखिलेश चाहते हैं कि वह अगले तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहें, शिवपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ें और अमर सिंह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दें.

अमर ने डाला आग में घी
वहीं कुनबे में जारी इस घमासान के बीच अमर सिंह इस आग में और घी डालने का काम कर रहे हैं. शुक्रवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करके अमर सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव शिवपाल की छत्रछाया में बड़े हुए, मुलायम ने सोचा भी ना था कि ये दिन देखना पड़ेगा.

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हालांकि माना जा रहा है कि अमर सिंह की जल्दी ही समाजवादी पार्टी से छुट्टी हो सकती है. मुलायम खेमे में खलबली मची हुई है, रात और दिन मैराथन बैठकों का दौर चल रहा है. शुक्रवार सुबह भी शिवपाल खुद अखिलेश से मिलने गए थे, लेकिन बात बनी नहीं.

झुकने को तैयार नहीं अखिलेश
यहां एक बात साफ है कि अखिलेश यादव किसी भी हालात में झुकने को तैयार नहीं हैं. इस वक्त जो हालात नज़र आ रहे हैं, उन्हें देखकर लगता है कि मुलायम खेमा, अखिलेश के सामने अपनी मुलायमियत का पूरा इज़हार कर रहा है. लेकिन अखिलेश खेमा अपनी ताकत के साथ अदावत कर रहा है. और इसी ताकत की बिना पर वह साइकिल पर अपनी दावेदारी भी ठोक रहा है.

अखिलेश खेमे में शामिल रामगोपाल यादव का कहना है कि 229 विधायकों में से 212 विधायक एफिडेविट दे चुके हैं, 68 में से 56 एमएलसी उनके साथ हैं और 24 में 15 सांसदों ने भी अखिलेश का समर्थन किया है.

सुलह के फॉमूले पर अटकी बात
इस बीच गुरुवार देर रात मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह का एक फॉर्मूला तैयार भी हुआ था. इस फॉर्मूले में तय हुआ था कि मुलायम सिंह फिलहाल पार्टी संरक्षक बने रहेंगे और चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का जिम्मा लेंगे. वहीं शिवपाल भी प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे और टिकट बंटवारे का अधिकार अखिलेश के पास होगा. अमर सिंह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देंगे. इसके साथ ही मुलायम चुनाव आयोग से अपनी अपील भी वापस ले लेंगे. लेकिन इस शर्तों पर बात बनते बनते फिर बिगड़ गई.

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