योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम होंगे. इसके साथ ही दो डिप्टी सीएम भी होंगे. लखनऊ में बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम बनाने का ऐलान किया गया. विधायक दल की बैठक में सुरेश खन्ना के प्रस्ताव पर जब योगी आदित्यनाथ को सीएम पद के लिए चुना गया तो उन्होंने यूपी को चलाने के लिए दो डिप्टी सीएम की मांग की. इसके बाद वेंकैया नायडू ने दो डिप्टी सीएम के लिए केशव मौर्य और दिनेश शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसपर विधायकों ने मुहर लगा दी. जानें इन दोनों नेताओं के बारे में-
केशव प्रसाद मौर्य:
केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष हैं. गैर-यादव ओबीसी तबके के वोटों को बीजेपी की ओर मोड़ने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. अमित शाह के साथ करीबी रिश्ते हैं. हालांकि, पहली बार सांसद बने थे. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. प्रशासनिक अनुभव की कमी उन्हें सीएम की रेस में पीछे कर गई. इसके अलावा क्षेत्रीय जनाधार वाले नेता की छवि नहीं है. हालांकि, उन्हें योगी आदित्यनाथ की सरकार में डिप्टी सीएम का पद दिया गया है.
दिनेश शर्मा:
यूपी में दूसरे डिप्टी सीएम होंगे दिनेश शर्मा. दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. सवर्णों की सबसे बड़ी आबादी ब्राह्मण जाति से आते हैं, इसका फायदा उन्हें मिला है. दिनेश शर्मा बीजेपी का पढ़ा-लिखा चेहरा माने जाते हैं. मेयर बनने से पहले शर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के तौर पर काम कर रहे थे. शर्मा और शाह की नजदीकियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी की सदस्यता बढ़ाने के महाअभियान की कमान उन्हें सौंपी गई थी. शर्मा अपनी इस जिम्मेदारी पर खरे भी उतरे. उनकी अगुवाई में बीजेपी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बन गई.
साधा जातिय समीकरण
बीजेपी ने एक सीएम और दो डिप्टी बनाकर यूपी में जातिय समीकरण भी साधने की कोशिश की है. योगी आदित्यनाथ जहां क्षेत्रीय नेता के रूप में जाने जाते हैं वहीं दिनेश शर्मा ब्राह्मण और केशव मौर्य ओबीसी वर्ग से आते हैं.