चुनाव प्रचार के दौरान ही नहीं बल्कि पिछले कई महीनों से यादव परिवार लगातार खबरों की सुर्खियों में रहा है. पहले वह अखिलेश-शिवपाल के बीच अहम की लड़ाई को लेकर तो बाद में पार्टी में सत्ता संघर्ष को लेकर चर्चा में बना रहा. यादव परिवार अब प्रदेश ही नहीं बल्कि देश का सबसे बड़ा सियासी कुनबा है. इस बार भी यादव परिवार के कई सदस्य चुनावी मैदान में हैं. आइए देखें उनका रिपोर्ट कार्ड...
शिवपाल यादव- इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट
इटावा की जसवंतनगर विधानसभा सीट से अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव चुनावी मैदान में थे. यह सीट सपा की परंपरागत सीट है. शिवपाल से पहले इस सीट से मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ा करते थे. इस बार पहली बार शिवपाल यादव को कड़ी चुनौती मिलती नजर आई. वोटिंग के दौरान उनके काफिले पर पथराव भी हुआ. यही नहीं मतगणना के वक्त शुरुआती रुझानों में वे पिछड़ते भी नजर आए. आपको बता दें कि शिवपाल के सामने बीजेपी से मनीष यादव चुनाव लड़ रहे थे.
अपर्णा यादव- लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट
मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव भी इन चुनावों में अपनी राजनीतिक भविष्य आजमा रही हैं. वे लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी हैं. यहां उनके सामने बीजेपी की उम्मीदवार रीता बहुगुणा जोशी हैं. खास बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार उत्तराखंड के हैं और सीट पर भारी संख्या में पहाड़ी वोटर भी हैं. अब देखना होगा कि मुलायम सिंह की जनसभा अपर्णा की नैया पार लगा पाती है या नहीं. फिलहाल इस सीट से रीता बहुगुणा जोशी ही बढ़त बनाए हुए हैं. आपको बता दें कि इस सीट से पिछली बार भी रीता बहुगुणा ही विधायक थीं, हालांकि उस वक्त वे कांग्रेस में थीं.
आपको यहां यह भी बता दें कि अपर्णा यादव लखनऊ की सबसे अमीर उम्मीदवार हैं. नामांकन के वक्त भरे गए हलफनामे के मुताबिक अपर्णा यादव के पास 22.95 करोड़ की संपत्ति है.
अनुराग यादव- लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट
अनुराग मुलायम कुनबे के 22वें शख्स हैं जो राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले हैं. अनुराग यादव लखनऊ की सरोजनी नगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. यहां उनका मुकाबला बीजेपी की प्रदेश महिला मोर्चे की अध्यक्ष स्वाति सिंह से है. आपको याद दिला दें कि स्वाति सिंह उस वक्त चर्चा में आई थीं जब उनके पति दयाशंकर सिंह ने मायावती पर आपत्तिजनक टिपप्णी कर दी थी और जिसके बाद बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में स्वाति सिंह और उनकी बेटी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. फिलहाल इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार स्वाति सिंह आगे चल रही हैं.
हार के बाद बदले सुर
पूरे चुनावों के दौरान खामोश बैठे शिवपाल यादव रुझानों में सपा को पिछड़ता देख बिफर पड़े. उन्होंने साफ तौर पर कहा, "यह सपा की नहीं घमंड की हार है." उन्होंने अखिलेश यादव का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनको निशाना बनाते हुए कहा, "मुलायम को हटाया, मेरा अपमान किया."
इसी बीच मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच फोन पर बातचीत भी हुई. बताया जा रहा है कि दोनों ने पार्टी की इतनी बड़ी हार को लेकर चर्चा की.
फिर लगे नारे
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शिवपाल के घर पर सपा के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के खिलाफ नारेबाजी की. सपा के हार से आक्रोशित कार्यकर्ताओं का कहना है कि रामगोपाल की वजह से इतनी बड़ी हार हुई है. कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि
उनके खिलाफ कार्रवाई हो.
शिवपाल के घर के बाहर नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि रामगोपाल प्रधानी का चुनाव भी नहीं जीत सकते हैं, रामगोपाल बीजेपी में मिले हैं.
नहीं बोला अखिलेश का काम
चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा अखिलेश अपने काम की तारीफ में बोलते रहे... 'काम बोलता है'. लेकिन मतगणना के रुझान बता रहे हैं कि अखिलेश का काम सोशल मीडिया पर तो बोला लेकिन ईवीएम तक नहीं पहुंच पाया.
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