उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 का ऐलान आज हो रहा है. राज्य की पार्टियां पहले ही इलेक्शन मोड में आकर अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करने में जुटी हैं. चुनावी सर्वेक्षणों को मानें तो इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है जिसमें सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की टक्कर बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी से होगी. अगर पिछले चुनावों के नतीजे देखें तो बीएसपी रेस में बीजेपी से आगे दिखती है.
2012 में सपा ने किया था सूपड़ा साफ
साल 2012 के चुनावों की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने सबको चौंकाते हुए 403 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में अकेले ही 224 सीटें झटक ली थीं. सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी महज 80 सीटों पर सिमट गई थी. दूसरी ओर उमा भारती के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ 47 सीटों से संतोष करना पड़ा था. कांग्रेस भी यहां कोई चमत्कार नहीं कर सकी और 28 सीटें जीतकर चौथे नंबर की पार्टी बनी रही. चुनावों में अन्य दलों के हिस्से में 24 सीटें आईं.
2007 में बसपा के हाथी के आगे सब पस्त
इससे पहले 2007 के विधानसभा चुनाव में नतीजे 2012 से बिल्कुल उलटे रहे थे. 2007 में बहुजन समाज पार्टी 206 सीटें जीतकर अकेले अपने दम पर सरकार बनाने में सफल रही. मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को सिर्फ 97 सीटें मिलीं. कांग्रेस को 22 तो भारतीय जनता पार्टी को 51 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. इन चुनावों में अन्य दलों को 27 सीटें मिलीं.