बसपा सुप्रीमों मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में अमित शाह के नूर उतर जाने वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या आपको लगता है कि मेरे चेहरे का नूर उतर गया है? आजतक के सवाल के जवाब में मायावती बोलीं कि नूर तो बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे से उतर गया है. तमतमाए हुए मायावती ने कहा कि आपने देखा नहीं की नोटबंदी के बाद मोदी और अमित शाह की जो कार्यक्रम हो रहे हैं उसमें दोनों के चेहरे से नूर उतरा हुआ है. आपने देखा नहीं कि दोनों के चेहरे कैसे हो गए हैं ? मायावती ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश के 90 प्रतिशत जनता जिस तरह से त्राहि त्राहि कर रही है उससे अमित शाह का, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का, बीजेपी के मंत्रियों का, उनके वरिष्ठ नेताओं का और उनके तमाम कार्यकर्ताओं का नूर उतर चुका है.
यह फैसला बीजेपी को पड़ेगा महंगा
मायावती यहीं नहीं रुकीं, नूर उतारने के सवाल ने जैसे उनकी दुखती ने छेड़ दी हो. वह बोलीं उन्होंने कई राजनीतिक उतार चढ़ाव देखे हैं लेकिन उनके चेहरे का नूर कभी नहीं उतरा. मायावती ने कहा कि असल में नोट बंदी के बेवकूफी भरे फैसले के बाद वह
बहुत खुश हैं. क्योंकि कहने को तो बीजेपी के नेता कह रहे हैं यह फैसला कालेधन से निपटने के लिए किया गया है लेकिन असल में यह फैसला लोकसभा में जो वायदे किए थे और इसे पूरे नहीं कर सके उन वायदों से ध्यान हटाने के लिए दिया गया है.
लेकिन यह फैसला बीजेपी को बहुत महंगा पड़ने वाला है.
अंत में मायावती ने मुस्कुराते हुए कहा कि उनके कार्यकर्ताओं का चेहरा दमक रहा है क्योंकि उन्हें पता है उनकी सरकार बनने वाली है लेकिन बीजेपी एंड कंपनी का नूर पूरी तरह उड़ चुका है.