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लखनऊ में अखिलेश गुट की बैठक, सपा में समर्थकों की वापसी की तैयारी

इसके साथ ही पार्टी से बर्खास्त मुलायम यूथ ब्रिगेड के मोहम्मद एबाद, लोहिया वाहिनी के प्रदीप तिवारी, छात्र नेता दिग्विजय सिंह देव और युवजन सभा के ब्रिजेश यादव भी दोबारा से बहाल किए जा सकते है. सूत्रों की मानें तो सभी फ्रटंल आर्गेनाईजेशन में बदलाव कर अखिलेश खेमे के लोगों को जगह दी जा सकती है.

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अखिलेश समर्थकों की वापसी संभव
अखिलेश समर्थकों की वापसी संभव

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समाजवादी पार्टी में मचे घमासान में नए साल पर अखिलेश यादव बाजी मारते नजर आए. रविवार को लखनऊ में बुलाए गए विशेष अधिवेशन में पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने के बाद अखिलेश लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं. पहले शिवपाल यादव की जगह नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब अखिलेश खेमे के और नेताओं की पार्टी में वापसी हो सकती है. सोमवार को अखिलेश यादव के घर चल रही करीबी एमएमए और एमएमसी की बैठक में इसपर फैसला लिया जा सकता है. जिसके तहत एमएलसी सुनील सिंह साजन, एमएलसी भदौरिया, एमएलसी उदयवीर सिंह और एमएलसी अरविंद यादव की पार्टी में वापसी पर मुहर लग सकती है, सूत्रों के अनुसार इस पर अखिलेश की सहमति भी मिल गई है एवं जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है.

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इसके साथ ही पार्टी से बर्खास्त मुलायम यूथ ब्रिगेड के मोहम्मद एबाद, लोहिया वाहिनी के प्रदीप तिवारी, छात्र नेता दिग्विजय सिंह देव और युवजन सभा के ब्रिजेश यादव भी दोबारा से बहाल किए जा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो सभी फ्रटंल आर्गेनाईजेशन में बदलाव कर अखिलेश खेमे के लोगों को जगह दी जा सकती है.

सभी पर गिरी थी शिवपाल की गाज
गौरतलब है कि शिवपाल यादव के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश खेमे के कई नेताओं पर गाज गिरी थी. दरअसल इन नेताओं ने अखिलेश को फिर प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर हंगामा किया था. इन सभी पर मुलायम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप हैं.

रविवार को अखिलेश बने सपा सुप्रीमो
लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों के राष्ट्रीय अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने नेताजी मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक और उनकी जगह अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया. इसके साथ ही उन्होंने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद तथा अमर सिंह को पार्टी से हटाने का भी प्रस्ताव भी पार्टी कार्यकर्ताओं के ध्वनि मत से पास किया. हालांकि मुलायम सिंह यादव ने इस अधिवेशन में पास किए गए सभी प्रस्तावों को गैर-संवैधानिक करार दिया है.

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