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दो दिन के उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में हंगामे के आसार

विपक्षी पार्टियां सरकार को कानून व्यवस्था के मसले पर और मैनपुरी में महिला पर हुए हमले जैसी घटनाओं को लेकर घेरेगी, तो समाजवादी पार्टी और दूसरी पार्टियां नोट बंदी को लेकर भी आमने-सामने होंगी.

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अखिलेश के सामने चुनौती
अखिलेश के सामने चुनौती

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उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का आखिरी सत्र बुधवार से शुरू हो रहा है. माना जा रहा है कि अब किसी भी दिन उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा हो सकती है. यह विधानसभा का सत्र सिर्फ 2 दिनों का है और इसका मुख्य उद्देश्य है मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के लिए अनुपूरक अनुदान और अगले साल के चार महीनों के लिए vote on account पास कराना वहीं जीएसटी बिल पास कराना भी सरकार के एजेंडे में शामिल है.

विपक्षी पार्टियां सरकार को कानून व्यवस्था के मसले पर और मैनपुरी में महिला पर हुए हमले जैसी घटनाओं को लेकर घेरेगी, तो समाजवादी पार्टी और दूसरी पार्टियां नोट बंदी को लेकर भी आमने-सामने होंगी. 2 दिन के इस छोटे-से विधानसभा सत्र में भी पहला दिन ज्यादा कुछ काम नहीं होने के आसार कम है. पहले दिन विधानसभा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव को श्रद्धांजलि देकर खत्म हो जाएगी जिनका पिछले दिनों निधन हो गया था.

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