scorecardresearch
 

अमर सिंह की लखनऊ यात्रा से समाजवादी पार्टी में भूचाल !

इसी बैठक की जानकारी लेकर अमर सिंह लखनऊ पहुंचे थे और शनिवार शाम लखनऊ में मुलायम सिंह के घर एक रणनीतिक बैठक हुई जिसमें मुलायम सिंह अमर सिंह और शिवपाल यादव मौजूद रहे, मीटिंग से बाहर आते ही अमर सिंह ने कहा कि गठबंधन पर कोई औपचारिक बात नहीं हुई

Advertisement
X
समाजवादी पार्टी में गठबंधन पर पेंच !
समाजवादी पार्टी में गठबंधन पर पेंच !

Advertisement

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की पक रही खिचड़ी के बीच जैसे ही अमर सिंह शनिवार को शिवपाल से मिलने पंहुचे गठबंधन पर ग्रहण की चर्चा शुरू हो गई. वजह थी शुक्रवार रात की दिल्ली की वो डिनर पार्टी जिसमे अमर सिंह की मुलाक़ात गुलाम नबी आज़ाद और अजित सिंह से हुई. जानकारों के मुताबिक इस मीटिंग में कांग्रेस की तरफ से ये साफ़ कर दिया गया कि डिप्टी सीएम और सीटों के अलावा कांग्रेस आलाकमान ये साफ़ चाहता है कि न सिर्फ अखिलेश यादव का नाम पार्टी अगले सीएम के लिए बिना लाग-लपेट के समाजवादी पार्टी आगे करे बल्कि गठबंधन भी तभी होगा जब अखिलेश यादव ही इस गठबंधन के सूत्रधार होंगे.

लखनऊ पहुंचे अमर सिंह

इसी बैठक की जानकारी लेकर अमर सिंह लखनऊ पहुंचे थे और शनिवार शाम लखनऊ में मुलायम सिंह के घर एक रणनीतिक बैठक हुई जिसमें मुलायम सिंह अमर सिंह और शिवपाल यादव मौजूद रहे, मीटिंग से बाहर आते ही अमर सिंह ने कहा कि गठबंधन पर कोई औपचारिक बात नहीं हुई और अगर कोई फैसला हुआ तो सिर्फ नेताजी ही फैसला लेंगे. साफ़ था मुलायम-शिवपाल और अमर सिंह, अखिलेश यादव के कांग्रेस के भीतर बढ़ते कद से खफा है और वह गठबंधन अपनी शर्तों पर चाहते थे ना कि अखिलेश यादव की शर्तों पर.

Advertisement

अखिलेश ने मारा मौके पर चौका !
अखिलेश यादव ने भी मौके को भांपा और जैसे ही गठबंधन पर पलीता लगता दिखा अखिलेश ने भी अपनी सभी 403 सीटों की लिस्ट मुलायम सिंह यादव के सामने रख दी. अखिलेश यादव को भी मालूम है कि उनकी लिस्ट मुलायम सिंह खारिज करेंगे लेकिन वो अपनी पोजिशनिंग साफ़ कर देना चाहते थे. रविवार को घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि जानकार भी चौंक गए कि कहां कांग्रेस-समाजवादी और आरएलडी के बीच सीटों की संख्या सामने आ रही थीं और कहां अचानक से मुलायम सिंह यादव ने पूरे गठबंधन को ही खारिज कर दिया गया. अखिलेश यादव की लिस्ट के नाम तो सामने नहीं आये लेकिन इतना तय है कि इसमें न तो अंसारी बंधु के नाम है, न अतीक अहमद का नाम और न ही अमनमणि का नाम है. सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव ने अपने लिए बुंदेलखंड के महोबा जिले से एक सीट चुनी है.

गायत्री प्रजापति को बनाया राष्ट्रीय सचिव
गठबंधन की चर्चाओ के बीच खबर आई कि गायत्री प्रजापति को पार्टी ने राष्ट्रीय सचिव बना दिया है, हालांकि गायत्री प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव बनाने के पीछे भी गठबंधन की उम्मीद से ही जोड़कर देखा जा रहा है, अमर सिंह को उस डिनर पार्टी में साफ़ कर दिया गया की अमेठी और रायबरेली की सीट पर कांग्रेस कोई समझौता नहीं करेगी ऐसे में अमेठी से गायत्री प्रजापति की सीट जानी तय है. मुलायम सिंह ने गायत्री को राष्ट्रीय सचिव बनाकर अपनी ओर से कांग्रेस को संकेत दे दिया है. एक तरफ मुलायम सिंह यादव गठबंधन को नकार रहे है वहीं दूसरी ओर गठबंधन की अड़चनों को दूर करने में भी लगे है, माना जा रहा है ये सब कुछ परदे के पीछे अमर सिंह कर रहे है ताकि कांग्रेस से गठबंधन पर मुलायम सिंह के फॉर्मूले पर सहमति बन सके. ये भी जगजाहिर है कि अमर सिंह और पीके परदे के पीछे गठबंधन की तार जोड़ने में लगे है और कोई बात बनती है श्रेय मुलायम कुनबे को मिले न कि अखिलेश यादव को.

Advertisement

बहरहाल चाचा भतीजे के बीच घमासान का ये दौर सबसे अहम है और इस अहम दौर में अखिलेश यादव छवि की लड़ाई जीत चुके हैं लेकिन आखिरी लड़ाई कौन जीतेगा इसपर सबकी नज़र है.

Advertisement
Advertisement