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नोएडा के 'भूत' से डरे अखिलेश, लखनऊ से किया योजनाओं का शिलान्यास

अखिलेश भले ही विदेश में पढ़े लिखे हों और डिजिटल सोच रखते हो फिर भी इस अंधविश्वास से अछूते नहीं रह सके, यही कारण है कि 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से अभी तक अखिलेश नोएडा नहीं आए है.

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नोएडा आने से डरे अखिलेश
नोएडा आने से डरे अखिलेश

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नोएडा आने पर कुर्सी जाने का खतरे की वजह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तमाम परियोजनाओं का लोकार्पण लखनऊ से ही किया, हालांकि पहले उन्हें इसके लिए नोएडा आना था. लेकिन लगातार तारीख आगे बढ़ती गई और अखिलेश नोएडा नहीं आए.

अखिलेश ने कहा कि अगर वह दोबारा सत्ता में आए तो नोएडा जरूर जाएंगे. अखिलेश बोले कि वह तो नोएडा जाना चाहते थे लेकिन कुछ साथियों ने समझाया कि अभी जाना ठीक नहीं हैं. ग्रेटर नोएडा में बनने वाले मेगा फूड पार्क का शिलान्यास भी अखिलेश ने लखनऊ से ही किया था, वहीं ग्रेटर नोएडा को लखनऊ से जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने वह यहां नहीं आए थे और उन्नाव से ही उद्घाटन किया था. अखिलेश भले ही विदेश में पढ़े लिखे हों और डिजिटल सोच रखते हो फिर भी इस अंधविश्वास से अछूते नहीं रह सके, यही कारण है कि 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से अभी तक अखिलेश नोएडा नहीं आए है.

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क्या कहता है इतिहास ?

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नोएडा आने पर दोबारा सत्ता में आने का अंधविश्वास काफी समय से चला आ रहा है, 1985 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह नोएडा गए तो तीन साल में सत्ता से बाहर हो गए, 1989 में नोएडा आने पर एन.डी. तिवारी भी सत्ता से हाथ धो बैठे थे. 1999 में कल्याण सिंह और 2011 में मायावती को नोएडा आना मंहगा पड़ा. यही कारण है कि यूपी का मुख्यमंत्री नोएडा आने से घबराते है.

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