उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों को चारों खाने चित्त करने के बाद अब बीजेपी खेमे में राज्य के अगले सीएम को लेकर सियासी हलचल है. माना जा रहा है कि इस रेस में 5 दावेदार सबसे आगे हैं. आखिरी फैसला नरेंद्र मोदी और अमित शाह की पसंद पर निर्भर करेगा.
एक नजर दावेदारों की इस फेहरिस्त पर:
केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेशाध्यक्ष
ताकत
-गैर-यादव ओबीसी तबके के वोटों को बीजेपी की ओर मोड़ने में अहम भूमिका
-अमित शाह के साथ करीबी रिश्ते
कमजोरी
-पहली बार सांसद, प्रशासनिक अनुभव की कमी
-जनाधार वाले नेता की छवि नहीं
मनोज सिन्हा, दूरसंचार और रेल राज्य मंत्री
ताकत
-प्रशासन चलाने का अच्छा अनुभव
-साफ छवि वाले नेता
-पूर्वी यूपी में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में शुमार
कमजोरी
-अगड़ी जाति के नेता को सीएम बनाने से दलितों के रुठने का खतरा
-बीजेपी का कट्टरवादी हिंदू खेमा हो सकता है नाराज
राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री
ताकत
-बतौर पूर्व सीएम यूपी के प्रशासन को चलाने का अच्छा अनुभव
-बीजेपी के सबसे सीनियर नेताओं में से एक
कमजोरी
-राजनाथ को यूपी की सत्ता सौंपने से नरेंद्र मोदी के समांनातर कद का नेता खड़ा होने का खतरा
- अगड़ी जाति के सीएम से दलित हो सकते हैं नाराज
ताकत
-मजबूत जनाधार वाले नेता हैं आदित्यनाथ
-पार्टी के सबसे अहम हिंदुत्ववादी नेताओं में से एक
कमजोरी
-विवादों में रहने वाले नेता की छवि
-प्रशासन चलाने का अनुभव नहीं
महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री
ताकत
-आरएसएस के भीतर अच्छी पैठ
-ईमानदार छवि वाले नेता
कमजोरी
-नोएडा तक जनाधार सीमित
-ब्राह्मण चेहरा होने के नाते दलितों और पिछड़ों के नाराज होने का खतरा