यूपी के विधानसभा चुनावों में अब वाराणसी सियासत का नया रण बन चुका है. यहां सभी राजनीतिक शहर के विकास को लेकर अपने-अपने दावें कर रहे हैं. ऐसे में आजतक ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट जाकर लोगों से बात की और वाराणसी में घाटों की सफाई पर लोगों की राय जानने की कोशिश की.
घाट पर मौजूद लोगों का मानना है कि कुछ काम तो हुए हैं, लेकिन अभी बहुत काम होने बाक़ी हैं. ये लोग साथ कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जो मोटर बोट दी गई है, वह बरसात के मोसम में काम ही नहीं करती. कुछ लोगों की यह भी शिकायत थी कि घाट पर मां गंगा के बड़े पोस्टर के साथ टॉयलेट बना हुआ है, जो ठीक नहीं है. कई बार शिकायत करने के बाद भी टॉयलेट को नहीं हटाया जा रहा है.
वहीं गंगा की सफाई के सवाल पर घाट पर रहने वाले लोगों का कहना था कि जब गंगा में नालों का गंदा पानी आता रहेगा, तब तक नदी की सफाई संभव नहीं. वह कहते हैं, नालों को रास्ता मोड़ना बेहद जरूरी है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है.'
शिव की नगरी वाराणसी दुनिया भर के पर्यटकों के बीच भी काफी मशहूर है. हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यहां देश विदेश से जितने पर्यटक आते हैं, उनके हिसाब से यहां सुविधाओं का खासा अभाव है.
वाराणसी में विकास के अभाव को लेकर इन लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी शिकायतें हैं. कई लोगों ने आजतक से बातचीत में कहा, 'मोदी जी ने जितने वादे किए थे, उनमें से कई अब भी अधूरे हैं. घाटों का नवीनीकरण नहीं हुआ है. मोदी जी को एक बार ख़ुद आकर इन घाटों की हालत देखनी चाहिए कि यहां कितना काम हुआ है.'