यूपी में पहले चरण के लिए हुए मतदान में मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. नोएडा जैसे शहरी इलाके से लेकर दादरी जैसे ग्रामीण इलाकों तक एक बात तो साफ है कि उम्मीदवार अगर वोटरों के दिल में जगह नहीं बना पाए, तो उन्हें इस बार नोटा का सामना भी करना पड़ सकता है. नोटा को लेकर इस बार लोगों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई हैं.
नोएडा के शहरी इलाके में वोटरों ने भले ही अपने वोट की गोपनीयता बनाये रखी लेकिन मन की बात जरूर कह दी. सेक्टर 19 के पोलिंग बूथ पर सुबह-सुबह वोटिंग करने आए एसके शर्मा और उनकी पत्नी ने विकास और सुशासन के मुद्दे को तरजीह दी और कहा कि उनका वोट उस उम्मीदवार को गया है जिसमें उनके इलाके का विकास करने का माद्दा है.
पोलिंग बूथ से वोट डालकर निकले जयवीर सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा है और उन्होंने यूपी में बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए वोट डाला है. अन्य वोटर सुरेश सिंह और कमलेश कुमार सुबह-सुबह पार्क से योग अभ्यास करने के बाद सीधे वोटिंग करने पहुंचे. वोट डालने से पहले कहा कि कानून व्यवस्था के साथ आसपास के इलाकों में साफ सफाई और बिजली-पानी की उपलब्धता उनके लिए ज्यादा जरूरी है. वो ऐसी सरकार चाहते हैं जो मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखे.
गांव में जाति पर वोट
दादरी विधानसभा के ग्रामीण इलाकों में दोपहर बाद भी वोटिंग को लेकर उत्साह बरकरार रहा. यहां हर वक्त पोलिंग बूथ पर वोटरों की भीड़ बनी हुई थी. हालांकि गांव के माहौल में वोटरों ने अपने मन की बात तो नहीं बताई, लेकिन सधा हुआ जवाब दिया कि उनका वोट अच्छी और सच्ची सरकार के लिए होगा. गांव में जाति को लेकर जबरदस्त ध्रुविकरण दिखा.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में जो अंतर दिखाई दिया, वो ये था कि गांव में वोटर किसी न किसी उम्मीदवार को चुनने की बात कर रहे थे, तो शहरी इलाके में वोटरों के मन में नोटा का विकल्प भी जरूर था. नोएडा की तमाम सोसायटी में वोटिंग के लिए बाहर निकले लोगों ने कहा कि उन्होंने सभी पार्टियों के उम्मीदवारों और उनकी पार्टी के घोषणा पत्र को समझा है और उसी के आधार पर इस बार वोट दिया है. इसमें लोग ये बताने से भी नहीं चूके कि इस बार नोटा पर भी उनकी नज़र रहेगी.