उत्तराखंड में राज्य की 69 सीटों के लिए मतदान होना है. ऐसे में चुनावी मैदान में कुल 637 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा हैं जिनमें 575 पुरूष प्रत्याशी और 60 महिला शामिल हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं इसलिए इस बार का चुनाव पहले से ज्यादा दिलचस्प हो गया है. यहां एक ही चरण में मतदान होना है जिसमें मुख्यमंत्री हरीश रावत, बीजेपी नेता सतपाल महाराज, अजय भट्ट, किशोर उपाध्याय, हरक सिंह रावत जैसे नेताओं की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगी.
हरीश रावत
राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत कांग्रेस इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. हरिद्वार जिले की ग्रामीण सीट और उधमसिंह नगर की किच्छा सीट से वो चुनावी मैदान में हैं. किच्छा विधानसभा सीट पर हरीश रावत के खिलाफ बीजेपी के मौजूदा विधायक राजेश शुक्ल, बीएसपी के ठाकुर राजेश प्रताप सिंह और समाजवादी पार्टी के संजय सिंह ताल ठोक रहे हैं. वहीं हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर रावत के खिलाफ बीजेपी के मौजूदा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद और बीएसपी के विधायक मुकर्रम अंसारी चुनाव मैदान में हैं.
सतपाल महाराज
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज चौबट्टाखाल से चुनाव लड़ रहे हैं. चौबट्टाखाल इनका गृहक्षेत्र है. इस सीट से बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष तथा मौजूदा विधायक तीरथ सिंह रावत की जगह महाराज को उम्मीदवार बनाया गया है. महाराज का क्षेत्र होने के बावजूद इस सीटे से दो बार उनकी पत्नी अमृता रावत राज्य विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं. कांग्रेस से बगावत कर 2014 में बीजेपी का दामन थामने वाले सतपाल महाराज कांग्रेस से लोक सभा सांसद भी रह चुके हैं.
हरक सिंह रावत
कांग्रेस का हाथ छोड़ कर बगावत करने वाले बीजेपी नेता हरक सिंह रावत कोटद्वार सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. हरक सिंह रावत कांग्रेस के दिग्गज नेता और सरकार में मंत्री रहे हैं लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी उनपर बड़ा दांव भी खेल सकती है. उत्तराखंड में कांग्रेस के बगावती दल की अगुवाई करने वाले रावत के सामने कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी को उतारा है. कोटद्वार नेगी का गृह सीट है और यहां उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है.
किशोर उपाध्याय
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय सहसपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2002 और 2007 में वो टिहरी सीट से विधायक चुने गए थे, लेकिन 2012 में दिनेश धनै से हारने के बाद उन्हें सहसपुर सीट दी गई है. किशोर का मुकाबला इस बार अपने पुराने दोस्त से ही होगा. कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे आर्येंद्र शर्मा उन्हें चुनौती दे रहे हैं.
अजय भट्ट
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजय भट्ट रानीखेत से चुनाव लड़ रहे हैं. भट्ट के सामने बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नैनवाल होंगे. नैनवाल इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप चुनावी मैदन में उतर रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में अजय भट्ट को मामूली वोटों के अंतर से जीत मिली थी.