
उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले की एक विधानसभा सीट है भीमताल. भीमताल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पर्यटन के नक्शे पर अलग मुकाम रखता है. भीमताल में भीमताल झील है जो सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र है. भीमताल हिमालय की गोद में बसा है. यह नैनीताल जिला मुख्यालय से करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भीमताल सीट 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले अस्तित्व में आई थी. इस विधानसभा सीट के लिए अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. दो दफे हुए विधानसभा चुनाव में से एक दफे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और एक दफे निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है. 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर दान सिंह भंडारी जीत थे.
2017 का जनादेश
भीमताल विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर 2012 में विधायक निर्वाचित हुए दान सिंह भंडारी 2017 के चुनाव से पहले पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने दान सिंह भंडारी को उम्मीदवार बना दिया. टिकट नहीं मिला तो कांग्रेस के राम सिंह केड़ा ने निर्दलीय ताल ठोक दी. निर्दल उम्मीदवार राम सिंह केड़ा ने कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों को पराजित कर विधानसभा पहुंचने में सफलता भी पाई.
सामाजिक ताना-बाना
भीमताल विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में सवर्ण मतदाताओं की बहुलता है. अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी इस सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
भीमताल विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में निर्वाचित निर्दलीय राम सिंह केड़ा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. राम सिंह केड़ा का दावा है कि उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के हर इलाके में विकास कार्य कराए हैं. वहीं, विरोधी कांग्रेस का दावा है कि विधायक राम सिंह केड़ा विकास के मोर्चे पर फेल रहे हैं.