पिथौरागढ़ जिले की विधानसभा सीट डीडीहाट में कनालीछीना, डीडीहाट और मुनाकोट सहित तीन विकासखंड आते हैं. डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र में कनालीछीना और मूनाकोट को मिलाकर आधा हिस्सा नेपाल बॉर्डर से लगता है. तो वही डीडीहाट क्षेत्र का एक हिस्सा पिथौरागढ़ विधानसभा क्षेत्र से और एक हिस्सा गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र से लगता है. डीडीहाट क्षेत्र में ही पाल राजाओं की राजधानी रही अस्कोट परगना भी आता है. इसके अलावा डीडीहाट में सीरादेवल और बैकुंठ धाम जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल भी आते हैं. डीडीहाट नगर पालिका क्षेत्र का यहां का एकमात्र नगरीय क्षेत्र है. वर्तमान में भाजपा के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पैतृक गांव भी डीडीहाट क्षेत्र में ही पड़ता है.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सूबे की सरकार में कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल डीडीहाट विधानसभा सीट से लगातार पांच बार से विधायक हैं. सन 2002 से लेकर अब तक, डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है. अब तक हुए विधानसभा चुनाव में डीडीहाट विधानसभा सीट में दो बार कांग्रेस और दो बार उत्तराखंड क्रांति दल दूसरे स्थान पर रही है. वहीं, एक बार इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी दूसरे स्थान पर रहा. लेकिन 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट भी होने लगी है. जिसके चलते डीडीहाट विधानसभा सीट इस बार के चुनाव में हॉट सीट में तब्दील हो सकती है.
डीडीहाट विधानसभा का परिचय
उत्तराखंड बनने के बाद 2002 में हुए पहले विधानसभा चुनावों में भाजपा के कद्दावर नेता बिशन सिंह चुफाल ने उत्तराखंड क्रांति दल के घनश्याम जोशी को लगभग 4500 वोटों से पराजित कर, इस सीट पर भाजपा का परचम लहराया था. जिसके बाद, 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बिशन सिंह चुफाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के हेम पंत को 2294 मतों से हराकर अपना दबदबा कायम किया. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से भाजपा भाजपा के दिग्गज नेता बिशन सिंह चुफाल ने कांग्रेस प्रत्याशी रेवती जोशी को 10617 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज की थी. आपको बता दें कि 1996 में भी इस सीट से बिशन सिंह चुफाल राम लहर में प्रचंड जीत के साथ उत्तर प्रदेश की विधानसभा पहुंचे थे.
2017 का जनादेश
डीडीहाट विधानसभा सीट से 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल एक बार फिर से मैदान में थे. डीडीहाट सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया, जिसका फायदा एक बार फिर से भाजपा के बिशन सिंह चुफाल को मिला. उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार किशन सिंह भंडारी को 2368 मतों से हराकर विजय प्राप्त की. 2017 में कांग्रेस 14000 वोट पाकर इस सीट से तीसरे स्थान पर रही.
सामाजिक ताना-बाना
डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 82741 वोटर हैं, जो पूरे जिले में सबसे कम हैं. डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. डीडीहाट विधानसभा क्षेत्र के सामाजिक और जातिगत समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में क्षत्रिय मतदाताओं की बहुलता है. यहां अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के मतदाता भी सीट का परिणाम तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
डीडीहाट विधानसभा सीट से विधायक बिशन सिंह चुफाल के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो पिछले 25 साल से वे लगातार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. विधायक का दावा है कि उनके कार्यकाल में विकास हुआ है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि इन 25 साल में उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के लिए कोई भी बड़ा काम नहीं किया. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि डीडीहाट क्षेत्र में अभी भी लोग स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.