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उत्तराखंड BJP को चुनाव आयोग का नोटिस, ट्वीट की थी पूर्व सीएम हरीश रावत की एडिटेड तस्वीर

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को सीईसी से बात की थी और भाजपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने आदर्श आचार संहिता और कानून के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन किया है और वह लोगों के बीच धार्मिक आधार पर भेदभाव पैदा करना चाहते हैं.

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Election Commission
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • ट्वीट की थी हरीश रावत की मॉर्फ्ड तस्वीर 
  • चुनाव आयोग ने 24 घंटों में मांगा जवाब

चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उत्तराखंड भाजपा को नोटिस जारी किया है. साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत की एडिटेड तस्वीर ट्वीट करने के लिए 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है. इस एडिटेड तस्वीर में उन्हें एक मुस्लिम मौलवी के रूप में दिखाया गया है. 

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कांग्रेस द्वारा शुक्रवार को चुनाव आयोग में शिकायत करने के बाद यह कार्रवाई की गई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भाजपा उत्तराखंड ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 3 फरवरी को रात 9.34 बजे रावत की एक मॉर्फ्ड तस्वीर ट्वीट की, जिसमें उन्हें गलत तरीके से एक विशेष समुदाय से संबंधित चित्रित किया गया है.

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को सीईसी से बात की थी और भाजपा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने आदर्श आचार संहिता और कानून के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन किया है और वह लोगों के बीच धार्मिक आधार पर भेदभाव पैदा करना चाहते हैं.

हालांकि विवादित ट्वीट को अब हटा दिया गया है. लेकिन चुनाव आयोग ने 5 फरवरी को भेजे गए अपने नोटिस में कहा "आयोग ने इस मामले पर सावधानीपूर्वक विचार किया है और यह माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तराखंड ने कोड ऑफ कंडक्ट के भाग 'सामान्य आचरण' में निर्धारित खंड (I) और (2) का उल्लंघन किया है. जो बयान दिए गए हैं वह भड़काऊ हैं और गंभीरता से लिए जाएंगे. ये भावनाओं को भड़काने और कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का कारण बनता है जिससे चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है." 

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आयोग ने कहा, "अब भाजपा उत्तराखंड को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर  हरीश रावत की मॉर्फ्ड छवि डालने को लेकर जवाब देना होगा." ईसी ने कहा, इस नोटिस की प्राप्ति के 24 घंटों के भीतर आयोग को जवाब पहुंचना चाहिए, ऐसा नहीं करने पर आयोग मामले में भाजपा उत्तराखंड को बताए बिना उचित निर्णय लेगा.


 

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