उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की एक सीट है खटीमा विधानसभा सीट. खटीमा विधानसभा सीट सूबे की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. खटीमा विधानसभा सीट से दो दफे के विधायक पुष्कर सिंह धामी धामी के प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से ये सीट सुर्खियों में है. सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) की सीट होने के कारण सभी की निगाहें इसके परिणाम पर टिकी होंगी. खटीमा की पहचान देश के एकमात्र मगरमच्छ पार्क को लेकर भी है.
खटीमा को लेकर कहा जाता है कि आजादी के पहले महाराणा प्रताप के वंशज राजस्थान से भागकर आए और यहां बस गए. इससे पहले अंग्रेजी साम्राज्य ने जब नेपाल के साथ परागन संधि की, तब भी खटीमा इसलिए कुछ सुर्खियों में आया क्योंकि दोनों देशों के मध्य सीमा रेखा का काम करने वाली काली नदी जो शारदा नदी के नाम से भी जानी जाती है वो यहां से गुजरी है. काली नदी पर 1912 में बनाए गए पुल निर्माण के दौरान खटीमा में रेलवे स्टेशन का निर्माण किया गया. अनेक जलाशयों, नदियों और जंगल से घिरे खटीमा को सुल्ताना डाकू का भी इलाका माना जाता था. 1984 दंगों के बाद पंजाब से भागे बड़ी तादाद में लोगों ने भी यहां के जंगलों में बसेरा बनाया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
खटीमा विधानसभा सीट के राजनीतिक अतीत की बात करें तो 2002 और 2007 के चुनाव में कांग्रेस के एडवोकेट गोपाल सिंह राणा विधायक निर्वाचित हुए थे. गोपाल सिंह राणा ने 2007 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार गोपाल सिंह राणा को करीब 17000 वोट के अंतर से हरा दिया था. 2007 में उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के केआर सिंह तीसरे नंबर पर रहे थे.
खटीमा विधानसभा सीट से 2012 के चुनाव में बीजेपी ने भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री रहते समय उनके ओएसडी रहे पुष्कर सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के देवेंद्र चंद्र को 5394 वोट से हरा दिया और पहली दफे विधायक निर्वाचित हुए.
2017 का जनादेश
खटीमा विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपने निवर्तमान विधायक पुष्कर सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के धामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 2709 मतों से हरा दिया. पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से लगातार दूसरी दफे विधायक निर्वाचित हुए.
सामाजिक तानाबाना
खटीमा विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां करीब सवा दो लाख की आबादी है. इस विधानसभा क्षेत्र में महाराणा प्रताप के वंशज माने जाने वाले राणा-थारू परिवारों के साथ ही पिथौरागढ़, मुन्स्यारी, लोहाघाट, चंपावत इलाके से आए पर्वतीय लोग भी निवास करते हैं. यहां अच्छी तादाद देश विभाजन के समय आए सिख परिवारों और मुस्लिमों की भी है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
खटीमा विधानसभा सीट से विधायक बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने कुछ ही महीने पहले सूबे के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, पूर्व सैनिकों के लिए कैंटीन, सौ बीघे भूभाग पर आवासीय एकलव्य विद्यालय, रोडवेज स्टैंड, बाईपास, सौंदर्याीकरण, शहीदस्थल के निर्माण, सरकारी हॉस्पिटल में सीटी स्कैन की सुविधा जैसी कई विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण किए.
खटीमा सीट से विधायक पुष्कर सिंह धामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से मानव संसाधन प्रबंधन में स्नातकोत्तर और बीएएलएलबी की पढ़ाई की है. पुष्कर सिंह धामी ने सियासी सफर का आगाज लखनऊ विश्वविद्यालय में ही छात्र राजनीति से किया था. पुष्कर सिंह धामी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे.
(रिपोर्ट- राजेश छाबड़ा)