उत्तराखंड की लक्सर विधानसभा सीट हरिद्वार जिले में आती है. हरिद्वार जिले की ये विधानसभा सीट सामान्य है. संयुक्त उत्तर प्रदेश के समय हरिद्वार जिले में केवल तीन ही विधानसभा सीटें हुआ करती थीं. इनमें लक्सर भी एक विधानसभा सीट हुआ करती थी. उस समय जिले का बहुत बड़ा हिस्सा लक्सर विधानसभा सीट के तहत आता था. उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद लक्सर विधानसभा सीट से कई हिस्से अलग कर अन्य विधानसभा सीटें गठित की गईं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
लक्सर विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की चर्चा करें तो उत्तराखंड राज्य गठन के बाद इस सीट के लिए 2002 में पहली दफे विधानसभा चुनाव हुए. पहले चुनाव में इस सीट से कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन विधायक निर्वाचित हुए थे. 2007 के चुनाव में भी कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन इस सीट से विधानसभा पहुंचे. 2008 के परिसीमन के बाद खानपुर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. लक्सर विधानसभा सीट से 2012 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संजय गुप्ता विधायक निर्वाचत हुए.
2017 का जनादेश
लक्सर विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में कांग्रेस से हाजी तस्लीम अहमद और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सुभाष सिंह की चुनौती थी. बीजेपी के संजय गुप्ता ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के हाजी तस्लीम अहमद को डेढ़ हजार वोट से अधिक के अंतर से हरा दिया था. बसपा के सुभाष सिंह तीसरे और निर्दलीय उम्मीदवार कुशल पाल सिंह चौथे स्थान पर रहे थे.
सामाजिक ताना-बाना
हरिद्वार जिले की लक्सर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति वर्ग के लोग रहते हैं. लक्सर विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी लक्सर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल करीब एक लाख मतदाता हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
लक्सर विधानसभा सीट से विधायक 51 साल के संजय गुप्ता बीजेपी के टिकट पर लगातार दूसरी बार विधायक हैं. संजय गुप्ता का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ये अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. संजय गुप्ता ने स्लॉटर हाउस का मसला उठाया था. हरिद्वार के आदमपुर इलाके के सुल्तानपुर में रहने वाले विधायक संजय गुप्ता लगातार तीसरी दफे विधानसभा पहुंचने की जुगत में जुटे हैं.