Panchayat Aaj Tak 2021 Uttarakhand: पंचायत आजतक उत्तराखंड के मंच से 'अपना पराया' सेशन में हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य ने शिरकत की. हरक सिंह रावत ने सवालों के बेबाकी से जवाब दिए, साथ ही यह भी साफ किया कि हम व्यक्तिगत संबंधों को राजनीति से परे रखते हैं. जब चुनाव आएगा तब देखेंगे, उसकी चिंता आज से क्यों करें. उत्तराखंड एक छोटी सी बगिया है जो खुशहाल रहे.
हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं विद्यार्थी परिषद में नगर मंत्री बना, फिर संगठन मंत्री बना. पौड़ी जिले का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का अध्यक्ष रहा हूं. उन्होंने अपने सियासी सफर की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने स्कूटर से पार्टी को खड़ा किया था. पहली बार 1992 में बीजेपी से विधायक बना और 27 साल की उम्र में कल्याण सिंह की सरकार में बगैर किसी सिफारिश के मंत्री बनाया गया. दोबारा विधायक बना. लखनऊ में राज्य निर्माण को लेकर धरना दिया तो पार्टी में नाराजगी हुई और धीरे-धीरे ऐसी परिस्थितियां बनीं कि पार्टी छोड़कर उत्तराखंड मोर्चा बनाया. 1994 में जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया और टेंट राज्य गठन के बाद उखड़ा.
हरक सिंह रावत ने कहा कि 20 साल कांग्रेस में रहा हूं, कुछ दिन भी कहीं रह लो, तो लगाव हो जाता है. मेरी रगों में बीजेपी का खून है. 27 साल की उम्र में मंत्री बनने के बावजूद सीएम बनते-बनते हर बार क्यों रह जाते हैं, इस सवाल के जवाब में हुआ उन्होंने कहा कि कर्म हमारे हाथ में है. 2007 में जब विपक्ष का नेता बना तब मैंने यशपाल आर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने में मदद की. दूसरों के लिए जो अच्छी वकालत कर सकता है वो अपनी वकालत अच्छे से नहीं कर पाते. मुझे अगर किसी दूसरे को प्रोजेक्ट करना हो तो जो दिखाना चाहता हूं, वहीं दिखता है. दूसरे लोग नहीं कर पाते.
उत्तराखंड को अटलजी ने बनाया, मोदीजी संवारेंगे
हरक सिंह रावत ने पुष्कर सिंह धामी को अपना छोटा भाई बताया और कहा कि तीरथ सिंह को मैंने विद्यार्थी की तरह पढ़ाया. अपने छोटे भाइयों को आगे बढ़ते देखकर जो खुशी मिलती है, खुद की खुशी में उतनी नहीं मिलती. मुख्यमंत्री की ही बात करें तो दुर्भाग्यशाली हूं. यशपाल आर्य से जुड़े एक सवाल पर कहा कि पिछले चार साल तक तो हमारी तारीफ कर रहे थे, अब सबकी तारीफ कर रहे हैं. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड को आज बीजेपी की जरूरत है.
दो दफे मुख्यमंत्री बदलने से जुड़े सवाल पर हरक सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस ने भी विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया और बाद में हरीश रावत को बनाया. बीजेपी ने भी यही किया. कांग्रेस नेताओं की पार्टी है, बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. कांग्रेस में सबकुछ खुद ही कंधे पर उठाना पड़ता है. बीजेपी में जो विधायक का चुनाव लड़ता है वो केवल मुखौटा होता है. कार्यकर्ता को इससे फर्क नहीं पड़ता कि कौन विधायक, मुख्यमंत्री बन रहा. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया था, नरेंद्र मोदी संवारेंगे. हरक सिंह रावत को नहीं, उत्तराखंड के हर एक नागरिक को बीजेपी की जरूरत है.
बीजेपी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं- यशपाल आर्य
यशपाल सिंह आर्य ने एक सवाल के जवाब में हरक सिंह रावत को छोटा भाई बताया और कहा कि हम कहीं भी हों, रिश्तों में कभी कडवाहट नहीं आई. हमने राजनीतिक जीवन के चार दशक कांग्रेस में काम किया. अपने सियासी सफर की चर्चा की और कहा कि मेरे ब्लड में कांग्रेस है. कुछ कारण थे पार्टी छोड़नी पड़ी लेकिन सुकून से नहीं रह पाया. वही मैं हरक सिंह रावत के चेहरे पर भी देख रहा हूं. कांग्रेस और बीजेपी की विचारधारा में जमीन आसमान का फर्क है. आंतरिक लोकतंत्र वहां नहीं है. आपको सुनना भर है और खामोश रहना है. समाजिक समरसता, कौमी एकता कांग्रेस में है, वो कहीं नहीं है.