उत्तराखंड की सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को मिशन-2022 का आगाज करेंगे. राहुल गांधी देहरादून के परेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करेंगे. कांग्रेस 16 दिसंबर को विजय दिवस के मौके पर सैनिक सम्मान कार्यक्रम में राहुल गांधी को उतारकर उत्तराखंड चुनाव में राष्ट्रवाद के एजेंडे को सेट करने का प्लान बनाया है ताकि प्रदेश के सैनिक परिवार के वोटों को अपने पाले में लाया जा सके.
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल का यह पहला दौरा है. राहुल की इस रैली को पीएम मोदी की रैली के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस ने यह रैली बांग्लादेश निर्माण के युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय की 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित की है, जिसमें पूर्व सैनिकों और शहीद सैनिकों के परिजनों को प्रियदर्शनी सैन्य सम्मान देकर सम्मानित करने का प्लान बनाया गया है. इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस की नजर उत्तराखंड के सैन्य परिवार के वोटों पर है.
बता दें कि उत्तराखंड की सियासत में सैन्य वोटर हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते रहे हैं. प्रदेश में तकरीबन हर परिवार से एक व्यक्ति सेना में हैं. प्रदेश में सैनिक, पूर्व सैनिक व वीर नारियों की संख्या लगभग 2.67 लाख हैं, जो कुल वोटरों का तकरीबन तीन फीसदी है. इसमें यदि इनके परिवारों को जोड़ दिया जाए जो यह कुल वोटरों की संख्या का 12 फीसदी के करीब होता है.
सूबे में सैनिक और उनके परिवार के मतदाता चुनावी समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं, जिसे साधने और अपने पाले में लाने की कोशिश में तमाम दल जुट गए हैं. बीजेपी ने जहां प्रदेश में शहीद सम्मान यात्रा के समापन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लाकर सैन्य वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है.
शहीद समापन यात्रा में भाजपा ने प्रदेश के सभी शहीद सैनिकों के आंगन की मिट्टी एकत्र किया है. इस मिट्टी को देहरादून के गुनियाल गांव में बनने वाले शहीद धाम में रखा गया. इसके जरिए बीजेपी 2022 के चुनाव में सैनिक परिवारों को साधने का दांव चला.
वहीं, कांग्रेस 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना की पाकिस्तान सेना पर विजय के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले विजय दिवस पर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया है. विजय दिवस के 50वीं वर्षगाठ पर राहुल गांधी को बुलाकर कांग्रेस ने सैनिक परिवार को अपने पाले में लाने की रणनीति मानी जा रही है. राहुल तीर्थ पुरोहितों और पूर्व सैनिकों से मुलाकात करेंगे. राहुल गांधी अपने दौरे के जरिए कांग्रेस का चुनावी एजेंडा सेट करेंगे.