उत्तराखंड में भी चुनाव से ठीक पहले हलचल मच गई है. बीजेपी सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बर्खास्त भी कर दिया है. अब उनके कांग्रेस में जाने की चर्चाएं हैं, लेकिन औपचारिक तौर पर ऐसा हो नहीं सका है. रविवार शाम को दिल्ली पहुंचे हरक ने कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. लेकिन इस बीच कांग्रेस में भी उनकी एंट्री पर घमासान हो सकता है. प्रीतम सिंह और हरीश रावत के बयानों से ऐसा लगता है.
'राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते'
इस बीच राज्य के कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने कहा कि- भाजपा ने हरक सिंह को जो बर्खास्त किया ये उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन इस निर्णय से हरक सिंह आहत हैं. कांग्रेस में उनकी वापसी पर राष्ट्रीय नेतृत्व फैसला लेगा और वो सब हम सबको मान्य होगा. उन्होंने कहा भाजपा के विरोध में पूरे देश में आक्रोश है. सिर्फ उत्तराखंड में ही नहीं, अन्य राज्यों में भी भाजपा की विदाई होने जा रही है और 2024 में भी विदाई ही होनी है. प्रीतम सिंह ने आगे कहा- भाजपा को अपना घर खुद सम्भालना होगा. लोग छोड़ रहे हैं तो भाजपा कुछ तो इल्जाम लगाएगी. राजनीति में कभी दरवाजे बंद नहीं होते, लोग आते हैं और जाते हैं.
'BJP का चरित्र है यूज एंड थ्रो'
प्रीतम सिंह ने कहा- मेरी हरक सिंह से लगातार बातचीत होती है. व्यक्तिगत रिश्ते हैं. अगर वो पार्टी ज्वाइन करते हैं तो उनका स्वागत है. BJP का चरित्र है यूज एंड थ्रो, वो यूज करते हैं फिर फेंक देते हैं. यही हरक सिंह के साथ हुआ. निश्चित ही वो उससे आहत हैं, जिसका उन्होंने जिक्र भी किया. उन्होंने कहा- हरीश रावत हो चाहे प्रीतम सिंह, हम कांग्रेस के अनुशासित कार्यकर्ता हैं. जो पार्टी आलाकमान निर्णय लेगी हमको मान्य होगा. हम जीतने वाले लोगों को टिकट देंगे.
हरीश रावत बोले - हरक ने 2016 में जो किया था वह लोकतंत्र के प्रति अपराध था
वहीं हरक सिंह रावत पर हरीश रावत ने कहा कि अभी उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन नहीं की है. वह बोले कि 2016 मे जो घटना हुई थी वो मेरे प्रति अपराध नहीं था वो लोकतंत्र के प्रति अपराध था, संसदीय परम्पराओं के प्रति अपराध था, पार्टी के प्रति अपराध था. किस सीमा तक क्या करना है ये पार्टी तय करेगी. हालांकि, रावत ने आगे यह भी कहा कि अगर हरक कांग्रेस को छोड़कर जाने की अपनी गलती मानते हैं तो पार्टी उन्हें फिर अपनाने को तैयार है.
बता दें कि 2016 में हरक सिंह रावत अपनी ही सरकार से बगावत को लेकर चर्चा में आए. तब हरक सिंह रावत ने हरीश रावत की सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि इसके बाद उन्हें विधासनसभा सदस्यता गवानीं पड़ी, लेकिन 2017 में चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने हरक सिंह रावत को कोटद्वार सीट से चुनाव लड़कर विधायक और मंत्री बने.
'भाजपा को भाजपा की भाषा में जवाब मिला'
इधर, उत्तराखंड में कांग्रेस प्रमुख गणेश गोदियाल ने कहा- ये सिर्फ मेरा निर्णय नहीं है. अगर हरक सिंह रावत आना चाहते हैं तो मैं उनकी भावना की कदर करता हूं. जो उन पर इल्जाम लगे कि उन्होंने सरकार तोड़ी उस पर उनको मलाल है. भाजपा को भाजपा की भाषा में जवाब मिल गया है . मैंने तो सुना है की भाजपा उनको तीन टिकिट देने को तैयार थी कि मत जाओ. जो विधायक है वो जनता की नब्ज को जानते हैं और उनको पता है की भाजपा का तिलस्म टूट चुका है.