उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (Uttarakhand election 2022) के लिए आज (14 फरवरी) वोटिंग हो रही है. 70 सीटों पर होने वाले चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले देवभूमि के कुछ सियासी चहरों पर सबकी नजरें हैं. मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, मंत्री सहित सूबे के कुछ ऐसे नेता जो सियासी हालात बदलने की ताकत रखते हैं, उनको लेकर देश जानना चाहता है आखिर उनके विधानसभा में क्या हालात बन रहे हैं. आइए जानते हैं उन दिग्गज के बारे में जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है.
1- पुष्कर सिंह धामी, खटीमा विधानसभा सीट
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से मैदान में हैं. उधम सिंह नगर जिले में पड़ने वाली ये सीट इस बार सभी की नजरों में है. ये प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है. पुष्कर सिंह धामी दो बार पहले भी यहां से MLA रह चुके हैं, लिहाजा हैट्रिक लगाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन यहां से उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी भुवन कापड़ी चुनौती दे रहे हैं. वो 2017 के चुनाव में धामी से वोटों के कुछ ही अंतर से हार गए थे.
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2- हरीश रावत, लालकुंआ विधानसभा सीट
नैनीताल जिले की लालकुंआ सीट से सूबे के पूर्व सीएम हरीश रावत ताल ठोक रहे हैं. हरीश रावत को कांटे की टक्कर बीजेपी के जिला पंचायत सदस्य मोहन बिष्ट दे रहे हैं. इस बार एक निर्दलीय ने भी यहां का सियासी गणित बदल दिया है. कांग्रेस की दिग्गज नेता रहीं संध्या डालाकोटी लालकुंआ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. पहले इस सीट से कांग्रेस ने उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाया था. लेकिन फिर जब रामनगर सीट पर हरीश रावत की उम्मीदवारी पर सवाल उठने लगे तो 24 घंटे के अंदर उन्हें लालकुंआ सीट पर शिफ्ट कर दिया गया, ऐसे में संध्या डालाकोटी का पत्ता कट गया. ऐसे में अब इस सीट पर लड़ाई रोचक हो गई है.
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3- कर्नल अजय कोठियाल, गंगोत्री विधानसभा सीट
उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट पर टाइट मुकाबला हो सकता है. इस बार गंगोत्री सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां से आम आदमी पार्टी (AAP) के सीएम उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल मैदान में हैं. उनका चुनाव लड़ना दोनों कांग्रेस और बीजेपी को चिंता में डाल गया है. वे पहली बार चुनाव जरूर लड़ रहे हैं, लेकिन उनका आर्मी बैकग्राउंड उन्हें 'फौजी वोटर' के बीच लोकप्रिय बनाता है. वहीं, बीजेपी ने एक नए चेहरे पर दांव चला है. उसकी तरफ से इस सीट से सुरेश चौहान को मैदान में उतारा गया है. इधर, कांग्रेस ने गंगोत्री सीट से पांचवी बार विजयपाल सजवाण पर अपना भरोसा जताया है. इससे पहले 2002 और 2012 में जब उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी, तब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनी थी.
4- यशपाल आर्य, बाजपुर विधानसभा सीट
उधम सिंह नगर जिले की बाजपुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है. कांग्रेस के लिए ये सीट इसलिए भी ज्यादा खास बन चुकी है क्योंकि यहां से उन्होंने अपने सबसे बड़े दलित चेहरे यशपाल आर्य को मैदान में उतारा है. 2017 के चुनाव में बीजेपी की शोभा बढ़ा रहे यशपाल आर्य ने आगामी चुनाव से ठीक पहले अपनी घर वापसी कर ली और पार्टी ने भी उन्हें उसी सीट से उम्मीदवार बना दिया जहां से उन्होंने बीजेपी की टिकट पर 2017 में जीत हासिल की थी. बीजेपी ने यहां से राजेश कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है. पहले कांग्रेस पार्टी से सीट की उम्मीद लगाए बैठीं सुनीता टम्टा बाजवा अब AAP की टिकट पर बाजपुर से चुनाव लड़ रही हैं. वो किसान आंदोलन में सक्रिय रहे जगतार सिंह बाजवा की पत्नी हैं.
5- अनुकृति गुसाईं (पुत्रवधू, हरक सिंह रावत), लैंसडौन विधानसभा सीट
उत्तराखंड के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत राज्य गठन के बाद दो दशक के चुनावी इतिहास में पहली बार चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस में जाने के बाद उनके चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी. हालांकि भाजपा ने जब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया तो यही वजह बताई कि हरक सिंह अपने लिए, अपनी पुत्र वधू के लिए और एक अन्य टिकट की मांग कर रहे थे. कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं को लैंसडौन से तो टिकट मिल गया, लेकिन हरक सिंह रावत को पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया.
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6- प्रीतम सिंह, चकराता विधानसभा सीट
चकराता विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से लगातार चार बार से प्रीतम सिंह ही यहां से जीतते आ रहे हैं. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी, लेकिन इसके बावजूद प्रीतम सीट बचाने में सफल रहे थे. इस बार बीजेपी ने मुन्ना सिंह चौहान दंपती से किनारा करते हुए रामशरण नौटियाल पर भरोसा जताया है. हालांकि चकराता विधानसभा क्षेत्र की राजनीति प्रीतम सिंह और मुन्ना चौहान के परिवारों के ईर्द-गिर्द ही घूमती रही है.
7- सतपाल महाराज, चौबट्टाखाल, विधानसभा सीट
राज्य की चौबट्टाखाल विधानसभा से बीजेपी ने सतपाल महाराज को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला पंचायत पौड़ी के पूर्व अध्यक्ष केशर सिंह नेगी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने चौबट्टाखाल से दिगमोहन नेगी को कैंडिडेट बनाया है. इस सीट पर कुल 9 प्रत्याशी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में यहां लड़ाई रोचक हो सकती है.
8- मदन कौशिक, हरिद्वार शहर विधानसभा सीट
हरिद्वार शहर विधानसभा सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक मैदान में हैं. वो लगातार चार बार से विधायक चुने जा रहे हैं. प्रदेश में सर्वाधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है. 5वीं बार उनका विजय अभियान रोकने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी चुनावी रण में हैं. इस सीट पर अलग राज्य बनने के बाद मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कब्जा है.