उत्तराखंड में अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. सूबे में पहले से स्थापित बीजेपी और कांग्रेस के अलावा इस बार आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमने के लिए मैदान में है. AAP के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त ) को सीएम पद का चेहरा घोषित किया है. साथ ही केजरीवाल ने उत्तराखंड को पूरी दुनिया के हिंदुओं के लिए आध्यात्मिक राजधानी बनाए जाने का वादा किया है.
केजरीवाल ने कहा कि कुछ दिन पहले मनीष सिसोदिया देहरादून आए थे. उन्होंने कहा था कि इस पर हम जनता की राय जानेंगे. हमनें प्रदेश की जनता से सुझाव लिए हैं. AAP से सीएम कैंडिडेट किसे बनाना चाहिए इस पर लोगों ने कहा कि जब से उत्तराखंड बना है सिर्फ लोगों ने इसे लूटा है. ऐसे में अब हमें पार्टियां नहीं बल्कि देशभक्त फौजी चाहिए. ऐसे में कर्नल अजय कोठियाल ही चाहिए. यह निर्णय आप पार्टी ने नहीं बल्कि यहां की जनता ने लिया है.
उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल वो शख्स हैं, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की. उत्तराखंड के नेता जब इस प्रदेश को लूट रहे थे, तब यह शख्स सीमा पर देश की हिफाजत में लगा था. कुछ साल पहले केदारनाथ आपदा आई थी. तब इस शख्स ने अपनी टीम के साथ मिलकर केदारनाथ का पुनर्निर्माण किया था, अब इन्होंने उत्तराखंड के नवनिर्माण का बीड़ा उठाया है.
केजरीवाल ने कहा कि हम उत्तराखंड को देवभूमि कहते हैं. यहां इतने तीर्थ स्थान हैं, कितने देवी देवताओं का वास है यहां. पूरी दुनिया से हिन्दू यहां श्रद्धा के साथ दर्शन करने आते हैं. कर्नल कोठियाल को केदारनाथ में काम की वजह से लोग भोले का फौजी भी कहते हैं. सीएम पद के चेहरे की घोषणा के बाद कर्नल कोठियाल ने कहा कि फौज में फ्रंट लाइन में जाकर दुश्मन के छक्के छुड़ाए. यहां की फ्रंट लाइन है राजनीतिक फील्ड. मैं कोई नेता नहीं और न ही कोई ऐसी राजनीति जानता हूं.
बता दें कि पिछले दो दशक से उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही चुनावी मुकाबला होता रहा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के आने से प्रदेश की राजनीति के समीकरण बदल सकते हैं. हालांकि, उत्तराखंड की सियासत दिल्ली से अलग है. कांग्रेस का उत्तराखंड में मजबूत आधार है और पार्टी के पास हरीश रावत जैसा दिग्गज चेहरा है. इसके अलावा उत्तराखंड में तीन दर्जन से अधिक ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस की दावेदारी उसके प्रत्याशियों की व्यक्तिगत छवि के बूते भी काफी मजबूत है.
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी यूथ को जोड़ने और दिल्ली में रह रहे उत्तराखंड के वासियों के सहारे अपना सियासी आधार बढ़ाना चाहती है. उत्तराखंड में तीसरी पार्टी या तीसरे विकल्प के लिए गुंजाइश तो है लेकिन इसे खड़ा करना आसान नहीं है. आम आदमी पार्टी ने संभावनाएं तो दिखाई हैं लेकिन कर्नल कोठियाल के सहारे कितना सफल होगी. यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड के चुनाव के लिए अपना सियासी एजेंडा तय कर दिया है, जिसमें एक तरफ कर्नल कोठियाल के जरिए राष्ट्रवाद को धार देगी तो दूसरी तरफ हिंदुत्व कार्ड भी खेलने की मंशा जाहिर कर दी है. केजरीवाल ने जिस तरह से उत्तराखंड को हिंदू की धार्मिक राजधानी बनाने का वादा किया है, उससे उनके सियासी एजेंडा साफ जाहिर होता है. इस तरह से आम आदमी पार्टी सूबे में कांग्रेस और बीजेपी के साथ दो-दो हाथ करना चाहती है.