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Uttarakhand Election: सीएम पुष्कर धामी ने पूजा अर्चना कर खटीमा से भरा नामांकन, मां ने खिलाया खास पहाड़ी नाश्ता

खटीमा से पर्चा दाखिल करने से पहले धामी ने अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना की. धामी उधमसिंह की खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं. वे तीसरी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

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खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं धामी
खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं धामी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तराखंड के उधमसिंह में है खटीमा सीट
  • खटीमा सीट से दो बार के विधायक हैं पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand Election: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. धामी ने गुरुवार को इस सीट से नामांकन दाखिल किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा, वे इस प्रण को दोहरा रहे हैं कि वे खटीमा के विकास के लिए हमेशा समर्पित रहेंगे. इस सीट से आज AAP के प्रत्याशी एसएस कलेर ने अपना नामांकन दाखिल किया. 

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खटीमा से पर्चा दाखिल करने से पहले धामी ने अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना की. इसके बाद उन्होंने अपनी मां विश्ना देवी और पत्नी गीता धामी के हाथ का बना खास पहाड़ी नाश्ता भी किया.  इसके बाद धामी पर्चा दाखिल करने निर्वाचन कार्यालय पहुंचे. 

नामांकन दाखिल करने के बाद धामी ने ट्वीट कर कहा, देवभूमि की देवतुल्य जनता के आशीर्वाद से आज खटीमा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. क्षेत्र की जनता ने जिस तरह से पूर्व में मुझे अपना स्नेह और समर्थन दिया है वैसे ही भविष्य में भी मेरा हौसला बढ़ाएगी ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है. 

शादी में भी हुए शामिल

चुनाव प्रचार के दौरान उत्तराखंड के सीएम धामी खटीमा में अपने गांव नगला तराई पहुंचे. नेपाल की सीमा से लगा ये इलाका शारदा नदी के किनारे बसा है. यहां थामी एक थारु परिवार की शादी समारोह में शामिल हुए. यहां पर उन्होंने अपने बचपन के मित्र मनोज की मां के साथ बैठकर खाना खाया. धामी  ने बताया कि उन्होंने इसी नगला तराई गांव में पांचवी क्लास तक की पढ़ाई की. 

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खटीमा से दो बार विधायक हैं धामी

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट सूबे की सबसे हॉट सीट बनकर उभरी है. खटीमा विधानसभा सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी दो बार के विधायक हैं. हालांकि, वे जब वे विधायक बने तो किसी को अंदाजा नहीं था कि वे एक दिन सीएम भी बनेंगे. 

खटीमा विधानसभा सीट के राजनीतिक अतीत की बात करें तो 2002 और 2007 के चुनाव में कांग्रेस के एडवोकेट गोपाल सिंह राणा विधायक निर्वाचित हुए थे. गोपाल सिंह राणा ने 2007 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार गोपाल सिंह को करीब 17000 वोट के अंतर से हरा दिया था. 2012 के चुनाव में बीजेपी ने भगत सिंह कोश्यारी के मुख्यमंत्री रहते समय उनके ओएसडी रहे पुष्कर सिंह धामी को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के पुष्कर सिंह धामी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के देवेंद्र चंद्र को 5394 वोट से हरा दिया . इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी धामी ने कांग्रेस के भुवन कापड़ी को 2709 मतों से हरा दिया. 

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