दोस्ती टूटी तो दोस्त का दुश्मन भी बन गया दोस्त. सियासत का यही खेल है. भाजपा से 11 साल पुरानी दोस्ती टूटने के कुछ घंटों के भीतर बीजद ने सीपीएम से नाता जोड़ लिया. बीजद अब माकपा के साथ मिलकर लड़ेगी चुनाव.