लोक जनशक्ति पार्टी के युवा नेता चिराग पासवान बिहार के जमुई से दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. बॉलीवुड में 'मिले ना मिले हम' की असफलता ने चिराग पासवान को राजनीति में आने का रास्ता दिखा दिया. देश के चुनावी इतिहास में करीब 38 साल तक अस्तित्वविहीन रही जमुई सीट ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अभिनय की दुनिया में विफल रहे चिराग पासवान को राजनीति में एक मुकम्मल वजूद जरूर दिया है. 17वें संसदीय चुनाव में इस सीट पर त्रिकोणीय नहीं बल्कि लोजपा के चिराग पासवान और रालोसपा प्रत्याशी एवं इसी सीट से सांसद रह चुके भूदेव चौधरी के बीच सीधा मुकाबला होगा. चौधरी इस क्षेत्र से वर्ष 2009 के आम चुनाव में सांसद चुने गए थे. उन्होंने 178560 मत हासिल कर राजद प्रत्याशी श्याम रजक को 29797 मतों के अंतर से पराजित कर दिया था. हालांकि पिछले पांच साल में चिराग के प्रयास से जमुई में विकास के कई ऐसे कार्य हुए हैं, जो उन्हें जनता की पसंद बनाता है। उनके प्रमुख कार्यों में रेलवे स्टेशन और मेडिकल कॉलेज की स्थापना जैसे कार्य महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. इसका उन्हें लाभ अवश्य मिलेगा.
Chirag Paswan, the youth leader of Lok Janshakti Party, has been trying his luck for the second time from Jamui of Bihar. The failure of Mile Naa Milo Hai in Bollywood showed Chirag Paswan a path to politics. In the electoral history of the country for almost 38 years, the Jamui seat has failed in the world of acting in the 2014 Lok Sabha elections.In the 17th parliamentary elections, this seat will not be triangular, but it will be a straight fight between LJP Chirag Paswan and Bhudev Chaudhary.