लोकसभा चुनाव में गरज रहे हैं बयान बहादुर, विरोधियों पर जमकर बरसा रहे हैं जहरीले तीर. बार-बार तार-तार हो रही है भाषा की मर्यादा. यहां तक की नेता अब चुनाव आयोग को भी नहीं छोड़ रहे हैं.