बनारस में नरेंद्र मोदी का नॉमिनेशन था. लेकिन जिस तरह काशी केसरिया हो गया, जिस तरह वहां जनसैलाब उमड़ पड़ा, जिस तरह बनारस मोदी के रंग में रंगा नजर आने लगा, उसे देखकर तो यही कह सकते हैं कि ये मोदी का नॉमिनेशन नहीं बल्कि नमोनेशन था.