ये राजनीतिक धरातल पर आध्यात्मिक भरोसे के दम पर हुआ अजूबा है. बेटे ने मां के दम पर देश को बदलने का संकल्प लिया तो मां के आशीर्वाद ने भी चुनाव को बेटे की लहर के नाम कर दिया. गंगा ने भारतीय राजनीति को कितनी बार बदलते देखा है. लेकिन पहली बार गंगा का पानी स्याही बनकर राजनीति की नई कहानी लिखने को आतुर है.