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Exclusive: चुनाव लड़ना होता तो लालू जी-नीतीश जी से मांगती ट‍िकट, अभी बस प्रचार का हिस्सा हूं: अक्षरा सिंह 

अक्षरा सिंह हाल ही में प्रशांत किशोर की पार्टी के प्रमोशन एक्टिविटी में नजर आई थीं. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि अक्षरा ने पॉलिटिक्स जॉइन कर लिया है. सच्चाई क्या है, खुद अक्षरा बता रही हैं.

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अक्षरा सिंह
अक्षरा सिंह

हाल ही में भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह प्रशांत किशोर की पार्टी के साथ जुड़कर राजनीति में आने का संकेत देती नजर आईं. हालांकि वो टिकट लेकर उतरने वाली हैं या केवल प्रमोशन का हिस्सा बनने वाली हैं. इसकी जानकारी क्लियर नहीं थी. अब खुद अक्षरा ने अपने पॉलिटिक्स प्लान पर हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत की है. 

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अभी केवल अभियान का हिस्सा

पॉलिटिक्स जॉइन करने पर अक्षरा कहती हैं, मेरे हिसाब से यह पॉलिटिक्स नहीं बल्कि अभियान है. जब हम गांधी जी की विचारधारा को लेकर चल रहे हैं, जिसमें प्रशांत किशोर सर पिछले पंद्रह महीने से पद यात्रा कर रहे हैं. पॉलिटिक्स की ऐसी कोई तैयारी थी ही नहीं और न ही अभी है. मैं अभी अभियान से जुड़ी हूं, जिसमें मैं चाहती हूं कि बदलता हुआ बिहार नजर आए. मैं उनकी विजन से पूरी तरह वाकिफ हूं और मुझे यकीन है कि आने वाले समय में बिहार की छवि कुछ और ही होने वाली है. 

फिलहाल पॉलिटिक्स की प्लानिंग नहीं 

टिकट लेने की बात पर अक्षरा कहती हैं, फिलहाल ऐसी कोई भी प्लानिंग नहीं है. अभी बस इसके प्रचार से ही जुड़ी हूं. देखिए पॉलिटिक्स में आने की ख्वाहिश होती, तो बहुत पहले ही इसकी तैयारी कर लेती. मेरे कई सीनियर्स बीजेपी से जुड़े हुए हैं. तेजस्वी जी, लालू जी और नीतीश जी से अच्छे ताल्लुकात रहे हैं. बहुत ही घरेलू संबंध हैं, सम्मान वाला रिश्ता है. मैं चाहती, तो उन लोगों से भी टिकट मांग सकती थी. वो लोग भी मुझे अप्रोच करना चाहते, तो पहले कर चुके होते लेकिन कभी ऐसा हुआ नहीं. रही बात प्रशांत किशोरे संग जुड़ने की बात, तो इनकी विचारधारा बहुत अलग है. इनकी पढ़ाई बहुत अलग है. देखो बिहार में एजुकेशन की कमी तो है. मैं मानती हूं कि हमारी धरती से ही आईएएस, आईपीएस निकलते हैं, लेकिन एक तबका व इलाका ऐसा है, जहां पढ़ाई है नहीं. वहां आज भी जात-पात, भेदभाव यही सारी कुरीतियां चल रही हैं. इन चीजों से हमें अब निकलने की जरूरत है. मेरा दायित्व बनता है कि जिस स्टेट ने मुझे इतना नाम और शौहरत दिया है, मैं अब उनके लिए कुछ करूं. अब उन्हें रिटर्न करने की बारी है, जिस भी तरह से मैं सपोर्ट कर सकूं, मैं पूरी तरह से तैयार हूं. 

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प्रशांत किशोर से जुड़ने पर अक्षरा कहती हैं, सर ने मुझे अप्रोच किया था. उन्होंने जिस तरह के बिहार के फ्यूचर की बात कही, तो मुझे लगा कि बात में दम है. वो यूथ सेंट्रिक एक नए बिहार की मॉडल तैयार कर रहे हैं. हमारे यूथ को अब आगे बढ़कर इसमें हिस्सा लेना चाहिए. 

मैं अपने बिहार के लिए हमेशा तैयार रहूंगी 

क्या किसी सेलिब्रिटी के पॉलिटिक्स एक्टिविटी में जुड़ने से फायदा मिलता है. जवाब में अक्षरा कहती हैं, फायदा अगर नहीं हो रहा होता, तो हमारी इंडस्ट्री से जितने भी बड़े-बड़े चेहरे हैं, वो शायद जीत ही नहीं पाते. फायदा कहीं न कहीं दिखता है, लेकिन मैं किसी फायदे से नहीं हूं. मुझे ऐसा लगता है कि एक बेटी जो है, वो घर की जिम्मेदारी अच्छे से समझती है. एक बेटी होने के नाते, मैं अपने घर को संवारने की पूरी कोशिश करूंगी. मुझसे जो भी बन पड़ेगा, मैं वहां रहूंगी. 

एजुकेशन और वुमन इंपॉवरमेंट होगा मुद्दा

अगर अक्षरा पॉलिटिक्स में उतरती हैं, तो उनके क्या मुद्दे होंगे. जवाब में अक्षरा कहती हैं, सबसे पहला मुद्दा शिक्षा ही होगा, मैं घर-घर एजुकेशन को पहुंचाने का काम करना चाहूंगी. इसके अलावा वूमन इंपॉवरमेंट की बात जरूर करना चाहूंगी. भले हम 2023 पहुंच चुके हैं, लेकिन आज भी उस सोच से नहीं निकल पाए हैं, जहां औरतों को दबा कर रखने की बात कही जाती है. वो सोच नहीं जा रही है. जात-पात, कुरीतियां इन सबके भुक्तभोगी हम बिहारी ज्यादा रहे हैं. भोजपुरी इंडस्ट्री में जो भी भेदभाव देखा है और झेला है, मैं चाहती हूं उसका सुधार यहीं से हो. 

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मैंने भोजपुरी की गरिमा को बनाए रखा है

भोजपुरी स्टार जब पॉलिटिक्स जॉइन करते हैं, तो कई बार उनकी एक्टिविटी मीम्स मटेरियल बन जाती है. उन्हें बतौर पॉलिटिशियन सीरियसली नहीं लिया जाता है. जवाब में अक्षरा कहती हैं, हां, यहां सबको एक ही पेंट में रंग दिया जाता है. कईयों की एक्टिविटी की वजह से सबको एक जैसा समझा जाता है. मैं यही कहना चाहूंगी कि पढ़ाई का असर भी तो मायने रखती है. एजुकेशन का प्रभाव आपकी एक्टिविटी पर पड़ती है. तुलना की बात होगी, तो जाहिर तौर पर समझ आ ही जाता है कि कौन किस बैकग्राउंड से आता है. इंडस्ट्री में रहते हुए भी मैंने उस गरिमा को बनाए रखा है. 

हर कोई भोजपुरी इंडस्ट्री में ओक्षा काम नहीं करता

भोजपुरी के गानों को सब इंजॉय तो करते हैं, लेकिन एक्सेप्टेंस की बात कहें, तो आज भी वो तवज्जों नहीं मिल पाई है. जवाब में अक्षरा कहती हैं, 'फैक्ट तो है, कहीं न कहीं.. चंद लोगों की वजह से पूरी इंडस्ट्री बदनाम होती है. जरूरी नहीं है कि हर कोई उसी तरह का ओक्षा काम कर रहा है. बहुत से लोग मेहनत कर रहे हैं, बहुत सी अच्छी फिल्में और गाना ला रहे हैं. उन्हें तारीफ भी मिलती है, लेकिन हम बुराईयों की तरफ ज्यादा अट्रैक्ट होते हैं. पहले तो हमें अपनी सोच भी बदलने की जरूरत है. जैसे ही आप गूगल सर्च करते हैं, आपको निगेटिविटी ही दिखती है. क्या बॉलीवुड में निगेटिविटी, अश्लील गाने नहीं होते हैं, लेकिन हम उसे क्लास का दर्जा दे जाता हैं, क्यों. देखो बहुत सी बातें हैं, बात निकलेगी, तो दूर तक जाएगी.'

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बैकग्राउंड चेक कर लोगों को मिले टिकट

आपके कई कंट्रेप्ररी एक्टर्स ने भी पॉलिटिक्स जॉइन करने का इशारा दिया है. आप उनके बारे में क्या कहना चाहेंगी. जवाब में अक्षरा कहती हैं,'चंद लोग हैं, जो पढ़े लिखे थे और वो पॉलिटिक्स में आए और अच्छा कर रहे हैं. मैं चाहती हूं कि जो भी आए, पढ़े लिखे लोग आए. सबका बैकग्राउंड देखा जाए, कौन कहां से आया है. पढ़े लिखे लोगों को ही एंट्री मिले.'


 

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