मेंटल इलनेस इंसान की जिंदगी का बड़ा हिस्सा और बड़ी परेशानी है. समय के साथ दिमागी बीमारियों पर बातचीत आगे बढ़ रही है और लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं कि इंसान का दिमाग कई मुश्किलों में फंसा हो सकता है. दिमाग से जुड़ी कई बीमारियां हैं, जिनपर बॉलीवुड में फिल्में भी बन चुकी हैं. ऐसे में एक्टर्स ने अपने किरदारों को कितना अच्छे से निभाया आइए बताते हैं.
अतरंगी रे
अपनी नई फिल्म 'अतरंगी रे' में सारा अली खान ऐसी लड़की बनी हैं, जो बचपन के ट्रॉमा को झेल रही है. सारा का किरदार रिंकू अपनी असलियत और पुराने समय में फर्क कर पाने में असक्षम है. यही चीज उसकी लव स्टोरी को दिलचस्प और मुश्किल बनाती है. इस फिल्म में सारा ने अपनी पिछली फिल्मों से काफी बेहतर परफॉर्म किया है. धनुष के बाद सारा के काम को भी तारीफ मिल रही है.
बर्फी
अनुराग बासु की फिल्म 'बर्फी' में एक गूंगे-बहरे शख्स (रणबीर कपूर), ऑटिस्टिक लड़की की (प्रियंका चोपड़ा), और एक नॉर्मल इंसान (इलियाना डीक्रूज) के बीच उलझी कहानी को दिखाया गया है. इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के काम की खूब तारीफ हुई थी. ऑटिस्म या फिर autism spectrum disorder (ASD) कई तरह से एक शख्स को एफेक्ट करता है. अपने किरदार में प्रियंका ने जान डाली थी, जिसके लिए उन्हें सराहना भी मिली.
ब्लैक
साल 2005 में आई रानी मुखर्जी और अमिताभ बच्चन की फिल्म 'ब्लैक' काफी फेमस हुई थी. इस फिल्म में रानी ने कई तरह के चैलेंज झेल रही लड़की की भूमिका निभायी थी. वहीं अमिताभ के किरदार को बाद में Alzheimer’s Disease हो जाता है. यह भूलने की बीमारी है, जो बुजुर्ग लोगों को काफी बुरी तरह परेशान करती है. फिल्म में भले ही बहुत अच्छे से Alzheimer’s Disease को ना दिखाया गया हो, लेकिन अमिताभ के काम की सराहना जरूर हुई थी.
छिछोरे
सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'छिछोरे' उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी आयरनी बन गई है. इस फिल्म में सुशांत ने एक टीनएज लड़के के पिता का रोल निभाया था, जो स्ट्रेस के चलते सुसाइड करने की कोशिश करता है. इसके बाद सुशांत और उनके कॉलेज के दोस्त बेटे को अपने कॉलेज के दिनों की कहानी सुनाते हैं. यह फिल्म हिट हुई थी और इसमें सभी एक्टर्स की तारीफ हुई थी.
डियर जिंदगी
डायरेक्टर गौरी शिंदे की फिल्म 'डियर जिंदगी' एक बेहद खूबसूरती से बनी कहानी थी, जो मेन्टल हेल्थ पर बात करती है. इस फिल्म में आलिया भट्ट ने कायरा का किरदार निभाया था, जो साइकोलॉजिकल और अबेंडनमेंट इश्यू से जूझ रही है. कायरा को जब इस बात का एहसास होता है तो वह जग (शाहरुख खान) नाम के थेरेपिस्ट से मिलकर अपना इलाज शुरू करती है. इस फिल्म ने तो कमाल किया ही था, साथ ही आलिया और शाहरुख खान की भी खूब सराहना हुई थी.
जजमेंटल है क्या
फिल्म 'जजमेंटल है क्या' में कंगना रनौत ने एक ऐसी लड़की का रोल निभाया था, जो बचपन के ट्रॉमा से जूझ रही है. साथ ही उसकी हरकतें अजीब हैं, जिसकी वजह से उसे कई बार पागलखाने भेजा जा चुका है. वहीं राजकुमार इस फिल्म में सीरियल किलर बने थे. इस फिल्म में दोनों एक्टर्स का काम कमाल था और उन्हें सराहना मिली थी.
हीरोइन
फिल्म 'हीरोइन' में करीना कपूर ने बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित लड़की का किरदार निभाया था. बाइपोलर डिसऑर्डर एक मूड डिसऑर्डर है जिसमें लोग पागलपन और डिप्रेशन जैसी चीजें भी झेलते हैं. इस फिल्म में करीना की परफॉरमेंस बेहद कमाल थी. लेकिन यही उनकी सबसे अंडररेटेड फिल्म भी है.
माय नेम इज खान
शाहरुख खान ने फिल्म 'माय नेम इज खान' में Asperger’s Syndrome से पीड़ित शख्स की भूमिका निभाई थी. उनका किरदार रिजवान अन्य लोगों से अलग होता है और इसी वजह से अपने परिवार से भी दूर हो जाता है. फिल्म और शाहरुख दोनों ने कमाल किया था और तारीफ पाई थी.
तारे जमीन पर
आमिर खान 'तारे जमीन पर' के साथ एक बढ़िया टॉपिक जनता के लिए लेकर आए थे. इस फिल्म में एक्टर दर्शील सफारी ने एक dyslexia से पीड़ित बच्चे की भूमिका निभाई थी. उनके किरदार ईशान को पढ़ने और चीजें सीखने में मुश्किल होती है जिसे कोई नहीं समझता. दर्शील को अपने काम के लिए खूब तारीफ मिली थी.