बॉलीवुड एक ऐसा मंच है जिसने भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देश के कलाकारों को पहचान दी है. कई पाकिस्तानी एक्टर्स हिंदी सिनेमा में नजर आ चुके हैं और भारतीयों के बीच बेहद पॉपुलर हैं. पाकिस्तानी एक्टर और सिंगर अली जफर ने भी बॉलीवुड में अपनी खास जगह बनाई है. अली के ही नक्शेकदम पर उनके भाई दान्याल जफर भी हिंदी सिनेमा में सफर शुरू करने वाले थे. लेकिन किस्मत ने दान्याल को धोखा दे दिया और दान्याल ने यशराज मूवीज में काम करने मौका गंवा दिया. आइए जानें क्या था पूरा किस्सा.
दान्याल ने एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में बॉलीवुड में मिले यशराज बैनर्स के इस खास अवसर से चूक जाने के ऊपर विस्तार से बताया. दान्याल कहते हैं- 'प्रोडक्शन के साथ काम शुरू करने से दो हफ्ते पहले भारत-पाकिस्तान में अस्थिरता का माहौल बन गया था, शायद उरी अटैक हुआ था. मुझे याद है कि वे ये लॉन्च करने वाले थे कि दान्याल यशराज की अगली खोज है. उस दिन दोपहर 12 बजे प्रेस रिलीज का शेड्यूल था फिर उन्होंने कहा कि शाम को करेंगे.'
'मैं पिछले ढाई महीने से वहां पर था. कैरेक्टर को समझना, वजन घटाना फिल्म के लिए पूरी तैयारी में लगा था, दो हफ्ते में शूटिंग थी लेकिन फिर ये सब कुछ हो गया. भारत-पाकिस्तान वाली घटना के बाद उस दिन शाम को मुझे कॉल्स आने शुरू हो गए. पुलिस वाले मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे. मैं भी डर गया था, घरवाले भी वापस आने को कह रहे थे'.
'मैं अपने होटल गया, उस टाइम टीवी पर तीन पाकिस्तानी एक्टर्स की तस्वीर लगी थी. अली भाई (अली जफर), मावरा और फवाद खान. इन तीनों की तस्वीर लगी थी और लिखा था कि पाकिस्तानियों को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश है वरना हम अपने तरीके से बाहर निकालेंगे. मैं डर कर पैकिंग करने लगा.'
दान्याल ने होटल से एयरपोर्ट तक पहुंचने के दिलचस्प वाक्ये का भी ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि 2007 में रिलीज फिल्म रिस्क जिस शख्स पर बनी थी, वो शख्स खुद उन्हें लेने आए थे. उन्होंने दान्याल को सही सलामत एयरपोर्ट तक पहुंचाया. मालूम हो रिस्क मुंबई अंडरवर्ल्ड से जुड़ी सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है. इसमें रणदीप हुड्डा, विनोद खन्ना, तनुश्री दत्ता ने अहम रोल निभाए थे.
आगे दान्याल ने यशराज मूवी में काम करने का मौका गंवाने पर अपनी राय जाहिर की. दान्याल कहते हैं- 'शुरू में मैं बहुत कन्फ्यूज था. उरी घटना के बाद फिल्म के निर्माताओं ने कहा कि कुछ दिन तक मामला ठंडा होने का इंतजार करते हैं. फिर एक महीने बाद उन्होंने कहा कि ये नहीं हो रहा है. उस वक्त मैं अफसोस कर सकता था पर मैंने सोचा कि ऊपरवाले के पास इससे बेहतर प्लान्स होंगे.'
दान्याल ने आगे बताया कि उन्हें वह फिल्म ना करने का अफसोस नहीं है क्योंकि जब वह फिल्म 'कैदी बैन्ड' रिलीज हुई तो वो बॉक्स ऑफिस पर चल नहीं पाई. फिल्म में आदर जैन को दान्याल की जगह लिया गया था.
दान्याल अली जफर के भाई तो हैं ही पर बतौर म्यूजिशियन उनकी अपनी सफल पहचान है. दान्याल ने इंटरव्यू में ये भी बताया कि बॉलीवुड में उन्हें अपनी एक्टिंग डेब्यू का मौका कैसे मिला. दान्याल ने बताया कि भाई अली ने एक दफा उनके साथ एक फोटो शेयर की थी, जिसपर यशराज प्रोडक्शंस की कास्टिंग डायरेक्टर शानू की नजर पड़ी.
शानू ने ही अली जफर को दान्याल के एक्टिंग डेब्यू के लिए अप्रोच किया था. 'उन्होंने मुझसे संपर्क किया और बहुत सक्रियता दिखाई. अगर पाकिस्तान में भी कोई मुझसे ऐसे संपर्क करता तो मैं उनके साथ भी काम करता. वहां से वापस भारत आने के बाद मुझे पाकिस्तान से ऑफर्स आने लगे. उस वक्त मुझपर डेब्यू का भी प्रेशर बनने लगा था. भाई अली जफर का पहला गाना बहुत बड़ी हिट थी इसलिए भी मेरी उनसे तुलना की जा रही थी.'
दान्याल ने नेपोटिज्म पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा- 'मैं इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि हमारे पास बेहतर सुविधा है. पर बात तो ये भी है कि किस घर में जन्म लेना है इसका फैसला मैंने नहीं लिया. मैंने अपने भाई के करियर का चुनाव नहीं किया. मैं शायद 9 साल का था जब अली का गाना रिलीज हुआ था. उस वक्त से मैं ये सब देख रहा हूं'.
'मेरे घर में लार्जर देन लाइफ एक शख्स आ गए थे. जिसे पहले कोई जानता नहीं था उसे अब हर कोई पहचानता है. बहुत कम उम्र में ही इतनी अटेंशन मिलती देख मेरा दिमाग भी उसी हिसाब से ढलने लगा. सिर्फ कलाकार ही नहीं बल्कि अन्य प्रोफेशनल फील्ड्स में भी अगर कोई अपने भाई-बहन को देख उनके काम में हाथ आजमाने की कोशिश करता है तो यह गलत नहीं है'.
Photos: @danyalzafar_official