गजल गायकी में जगजीत सिंह का नाम दुनियाभर में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है. जगजीत सिंह का नाम जब भी लिया जाता है साथ में चित्रा सिंह का नाम भी आता है. दोनों जैसे एक-दूसरे के लिए ही बने थे.
जगजीत सिंह का जन्म 8 फरवरी, 1941 को बीकानेर में हुआ था. जगजीत का दिल पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था और वे गाने गाया करते थे. अपने इस शौक को उन्होंने अपना करियर बनाया और अपनी जिंदगी भी.
जगजीत सिंह के जीवन में ट्विस्ट तब आया जब पहले से शादीशुदा चित्रा सिंह ने एंट्री मारी. चित्रा और जगजीत की मुलाकात सबसे पहले एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो में हुई थी. वहां पर जगजीत एक एडवरटाइजमेंट के लिए जिंगल्स गाने आए थे.
मगर हद तो तब हो गई जब चित्रा ने जगजीत सिंह की आवाज सुनी और उनके साथ गाने से मना कर दिया. दरअसल जगजीत सिंह की आवाज भारी थी और चित्रा इस वजह से उनके साथ गाना नहीं चाहती थीं. सोचिए जो जोड़ी आगे चलकर साथ में सुपरहिट साबित हुई वो पहले साथ में काम ही नहीं करना चाहती थी.
साल 1968 में चित्रा ने अपने पहले पति से तलाक ले लिया और साल 1969 में जगजीत और चित्रा ने शादी कर ली. जगजीत सिंह ने खुद चित्रा के पहले पति देबो प्रसाद दत्ता से कहा था कि वे उनकी वाइफ से शादी करना चाहते हैं.
शादी के बाद दोनों खुशी-खुशी जी रहे थे मगर दोनों की खुशियों को नजर लग गई. साल 1990 में एक कार एक्सिडेंट में उनके बेटे विवेक का निधन हो गया. इस खबर से दोनों टूट गए. चित्रा को तो ऐसा सदमा लगा कि उन्होंने हमेशा के लिए गाना छोड़ दिया.
जगजीत सिंह ने भी सिंगिंग से दूरी बना ली. मगर उन्होंने बाद में वापसी की और इस बार उनकी गायिकी में डो दर्द आया उसने उन्हें देश की सबसे पसंदीदा आवाज बना दिया.
जगजीत सिंह की मशहूर गजलों में तुमको देखा तो ये खयाल आया, वो कागज की कश्ती, होशवालों को खबर क्या, होठों से छू लो तुम, जब सामने तुम आ जाती हो, सरकती जाए है, आपको देख कर देखता रह गया समेत कई सारी गजलें शामिल हैं.