करण जौहर बॉलीवुड के जाने-माने डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं. उन्होंने बॉलीवुड में कई स्टार्स को लॉन्च किया है और दर्शकों को कई बढ़िया रोमांटिक फिल्में दी हैं. करण ने फिल्म कुछ कुछ होता है से बतौर डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत की थी. इस रोमांटिक फिल्म में शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और काजोल ने मुख्य भूमिका निभाई थी. अपने करियर की शुरुआत में करण जौहर अपनी फिल्मों का नाम K अक्षर से रखा करते थे. इसका कारण क्या है, आइए हम आपको बताते हैं.
करण जौहर ने बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म साल 1998 में बनाई थी. इस फिल्म का नाम कुछ कुछ होता है था. प्यार और दोस्ती की इस कहानी को उस समय दर्शकों ने खूब प्यार दिया था. इसके बाद करण ने कभी खुशी कभी गम, कल हो ना हो, काल समेत अन्य फिल्मों को बनाया.
करण जौहर अपने करियर की शुरुआत में Numerology यानी अंक ज्योतिष में विश्वास किया करते थे. इसकी वजह से वह अपनी फिल्मों के नाम K अक्षर से रखा करते थे. कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, कल हो ना, इन सभी फिल्मों के नाम अंक ज्योतिष को ध्यान में रखते हुए रखे गए थे.
अब अंक ज्योतिष का कमाल देखें या फिर करण जौहर संग उनकी टीम और फिल्म की स्टारकास्ट की मेहनत? उनकी यह सभी फिल्में सुपरहिट रहीं. हालांकि एक समय ऐसा भी आया जब करण जौहर ने अपने इस अंधविश्वास पर सवाल उठाए और इसे मानना बंद कर दिया.
करण जौहर के अंक ज्योतिष से विश्वास हटने की वजह थे संजय दत्त. असल में साल 2006 में संजय दत्त की फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई आई थी. इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे मुन्ना अंक ज्योतिष में मानने वाले कुलभूषण खरबंदा के किरदार को समझाता है और कहता है कि ज्योतिष जैसा कुछ नहीं होता.
मुन्ना भाई फिल्म में दीया मिर्जा (सिमरन) की शादी अभिषेक बच्चन (सनी) से करवाने की कोशिश करता है. हालांकि एक बटुक नाथ (सौरभ शुक्ला) नाम का ज्योतिषी ऐसा होने से रोकता है. इसके बाद मुन्ना और सर्किट मिलकर बटुक नाथ को सबक सिखाते हैं और साबित करने हैं कि ज्योतिष या अंक ज्योतिष में कुछ नहीं रखा, जो होना है वो होकर रहता है.
भारत की जानता के साथ-साथ करण जौहर ने भी संजय दत्त की इस फिल्म को देखकर सीख ली थी और तब से उन्होंने अंक ज्योतिष को मानना बंद कर दिया. भले ही करण अभी भी K नाम की फिल्में बना लेते हों लेकिन उनका विश्वास बदल चुका है.