छोटे पर्दे के सबसे बड़े और लोकप्रिय रियलिटी क्विज शो कौन बनेगा करोड़पति विवादों में घिर गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, शो के मेकर्स और अमिताभ बच्चन के खिलाफ पुलिस में शिकायत की गई है.
महाराष्ट्र के एक भाजपा विधायक ने मंगलवार को अमिताभ और KBC के खिलाफ पुलिस शिकायत की. शिकायतकर्ता अभिमन्यु पवार लातूर डिस्ट्रिक के औसा से विधायक हैं.
लातूर के SP निखिल पिंगले को दी गई कंप्लेंट में अभिमन्यु ने कहा कि कौन बनेगा करोड़पति में शुक्रवार को प्रसारित किए गए कर्मवीर एपिसोड में अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए एक सवाल के लिए उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.
पवार ने पुलिस कंप्लेंट की दो पन्ने की कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा, "हिंदुओं को बदनाम करने की कोशिश की गई है और बुद्ध व हिंदुओं को एक दूसरे से अलग दिखाने का प्रयास किया गया है. जो कि लंबे वक्त से प्रेमपूर्ण तरीके से रह रहे हैं."
कौन बनेगा करोडपती या कार्यक्रमाद्वारे हिंदू धर्मीयांची भावना दुखावल्याबद्दल तसेच अत्यंत सलोख्याने राहणार्या हिंदू व बौद्ध धर्मीयांमध्ये जाणीवपूर्वक तेढ निर्माण करण्याचा प्रयत्न केल्याबद्दल महानायक श्री अमिताभ बच्चन व सोनी टेलिव्हिजन नेटवर्क विरोधात तक्रार नोंदवली.
— Abhimanyu Pawar (@AbhiPawarBJP) November 3, 2020
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पवार ने अपनी पुलिस शिकायत में कहा, "सभी चार विकल्प हिंदू धर्म से संबंधित हैं. यह स्पष्ट है कि इस सवाल के पीछे का मकसद हिंदुओं की भावनाओं को आहत करना था."
पवार ने कहा, "यह प्रश्न यह संदेश फैलाता है कि हिंदू धार्मिक ग्रंथ जलने और हिंदुओं और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के बीच दुश्मनी पैदा करने के लिए हैं" इस मामले पर सोनी एंटरटेनमेंट की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है.
KBC has been hijacked by Commies. Innocent kids, learn this is how cultural wars are win. It’s called coding. pic.twitter.com/uR1dUeUAvH
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) October 31, 2020
बता दें कि जिस एपिसोड का जिक्र शिकायत कॉपी में किया गया है उसमें सोशल एक्टिविस्ट बेजवाड़ा विल्सन और एक्टर अनूप सोनी अमिताभ के सामने हॉटसीट पर बैठे हुए थे. जिस सवाल का जिक्र किया गया है वो 6 लाख 40 हजार रुपये के लिए पूछा गया था.
सवाल था- 25 दिसंबर 1927, डॉ. बीआर अंबेडकर और उनके अनुयायियों ने किस धर्मग्रंथ की प्रतियां जलाई थीं?
इस सवाल के लिए दिए गए विकल्प थे: A-विष्णु पुराण, B- भगवत गीता, C-ऋग्वेद, D-मनुस्मृति.
सवाल के बाद अमिताभ बच्चन ने कहा, "1927 में अंबेडकर ने प्राचीन हिंदू ग्रंथ मनुस्मृति की वैचारिक रूप से जातिगत भेदभाव और छुआछूत को उचित ठहराते हुए इसकी प्रतियों को जला दिया."