बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा पोर्नोग्राफी रैकेट केस में फंसे हुए हैं. राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था. लेकिन क्या आपको पता है कि मुंबई पुलिस आखिर राज कुंद्रा तक कैसे पहुंची और उनकी गिरफ्तारी आखिर कैसे हुई? हम आपको बता रहे हैं एक्सक्लूसिव डिटेल्स.
5 फरवरी 2021 को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पोर्नोग्राफी रैकेट का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में पांच लोग गिरफ्तार किए गए थे. इसके बाद मामले की जांच में कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया गया. ऐसे में नौ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
हालांकि इसके एक हफ्ते बाद ही एंटीलिया के बाहर बम होने के केस और मनसुख हिरानी के मर्डर केस ने देशभर को हिलाकर रख दिया. मुंबई पुलिस उस समय काफी कुछ झेल रही थी. बाद में मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला भी हुआ. इसके साथ कुछ और चीजें भी हुईं. फिर अप्रैल के महीने में पोर्नोग्राफी रैकेट में चार्जशीट दायर की गई, लेकिन इसमें राज कुंद्रा का नाम नहीं था.
राज कुंद्रा ने नहीं सोचा था कि पोर्नोग्राफी रैकेट का खुलासा होने पर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने तो अपने प्लान बी की शुरुआत भी कर दी थी. मुंबई पुलिस उस समय अपने सबसे मुश्किल समय से गुजर रही थी. नए कमिश्नर हेमंत नागराले के आने के बाद क्राइम ब्रांच के सभी सदस्यों का तबादला हो गया था. क्राइम ब्रांच की लगभग पूरी टीम बदल गई थी.
जून के महीने में क्राइम ब्रांच के नए अफसरों ने पुराने काम को संभालना शुरू किया और तब प्रॉपर्टी सेल के अफसरों के सामने पोर्नोग्राफी रैकेट के दस्तावेज आए. अफसरों ने पता लगाया कि इसमें राज कुंद्रा की कंपनी हॉट शॉट का हाथ भी हो सकता हैं. उनके पास राज कुंद्रा की उमेश कामत के साथ व्हाट्सअप चैट भी थी.
एक महीने तक क्राइम ब्रांच के प्रॉपर्टी सेल में आए नए अफसर इस केस पर काम कर रहे थे. यही वो समय था जब उन्हें राज कुंद्रा पर शक हुआ और उन्होंने सोचा कि शायद कुंद्रा भी इसमें मिले हुए हैं. इसीलिए अफसर उनसे पूछताछ करना चाहते थे और उनके ऑफिस में खोजबीन करना चाहते थे.
क्राइम ब्रांच के सूत्र के मुताबिक, राज कुंद्रा को गिरफ्तार करने से एक हफ्ते पहले एक हाई लेवल की मीटिंग कर फैसला किया गया था कि केस को कैसे आगे ले जाना है. हालांकि राज कुंद्रा के खिलाफ ठोस सबूत ना होने तक पुलिस उनके नाम गिरफ्तारी का वॉरंट नहीं निकाल सकती थी.
इसके लिए क्राइम ब्रांच राज कुंद्रा के घर की तलाशी देना चाहती थी. अगर उन्हें इस दौरान कुछ भी मिलता तो वह तुरंत एक्शन लेते. 19 जुलाई को क्राइम ब्रांच के सीनियर अफसर गिरफ्तारी का वॉरंट लेने के लिए कोर्ट पहुंचे. अंधेरी वेस्ट में उनकी एक टीम पहले से स्टैंडबाई मोड पर उनका इंतजार कर रही थी और तीन बजे विआन ऑफिस की तलाश शुरू की गई.
बाद में राज कुंद्रा भी ऑफिस आए. क्राइम ब्रांच की टीम को वीडियो डेटा, सर्वर पर पड़े एडल्ट वीडियो आदि मिले. दिलचस्प बात ये है कि राज कुंद्रा को यह बोलते हुए सुना गया था कि डेटा को डिलीट कर दो. क्राइम ब्रांच के सूत्र के मुताबिक, राज कुंद्रा और रायन थोर्प ने कथित रूप से काफी डेटा डिलीट कर दिया था. क्राइम ब्रांच के सीनियर अफसरों के मुताबिक, यह जानकारी तुरंत सुपीरियर लोगों तक पहुंचा दी गई थी.
इसी के चलते दोनों को सेक्शन 41 ए तुरंत थमा दिया गया. रायन थोर्प ने नोटिस ले लिया था जबकि राज कुंद्रा ने इसे ठुकरा दिया था. ऑफिस की तलाश के कुछ घंटों बाद क्राइम ब्रांच ने राज कुंद्रा को प्रॉपर्टी सेल के ऑफिस आने के लिए कहा था. उस समय क्राइम ब्रांच कोई चांस नहीं लेना चाहती थी.
राज कुंद्रा ने पुलिस की गाड़ी से आने के लिए मना कर दिया था. 19 जुलाई की शाम को राज कुंद्रा से सवाल किए गए, तब तक टीम के पास भरपूर सबूत थे. बाद में मुंबई पुलिस के टॉप अफसरों ने राज और रायन को गिरफ्तार करने का फैसला लिया, क्योंकि दोनों के खिलाफ उनके पास सबूत थे. रात 10.45 पर राज कुंद्रा को गिरफ्तार किया गया और 11 बजे आजतक ने आपको यह खबर दी.