करोड़ों दिलों की धड़कन, एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा आज भी अगर किसी इवेंट या फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस देती नजर आ जाएं तो उनके चाहने वाले दिलों को थामने पर मजबूर हो जाते हैं. शनिवार को रेखा अपना 67वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं. आज भले ही वो फिल्मों में कम ही नजर आती हैं लेकिन रेखा के लिए फैन्स का दीवानापन शायद कभी खत्म नहीं होगा.
मद्रास में एक्टर जेमिनी गणेशन और पुष्पावल्ली के घर जन्मीं रेखा के न सिर्फ खून में अभिनय था बल्कि उनका चेहरा ऐसा था जो किसी को भी सम्मोहित कर ले. रेखा ने अपने करियर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर एक तेलुगू फिल्म से की थी.
साल 1981 में आई फिल्म उमराव जान हो या 1985 में आई फिल्म फासले, नमक हराम हो या मिस्टर नटवरलाल. रेखा की फिल्मों की फिल्मों और गानों की पॉपुलैरिटी ने कामयाबी की बुलंदियां छुईं. एक वक्त ऐसा भी था जब रेखा का फिल्म में होना उसके हिट होने की गारंटी समझा जाता था.
रेखा ने काफी तेजी से लोकप्रियता हासिल की और देखते ही देखते सफलता के उस पायदान पर पहुंच गईं जहां उन्हें छू पाना, किसी भी अभिनेत्री के लिए बहुत मुश्किल था.
रेखा ने अपनी शुरुआती फिल्में बतौर बाल कलाकार की थीं. वह महज 13 साल की थीं जब उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा. जहां तक रेखा की डेब्यू फिल्म का सवाल है तो वह पहली बार लीड रोल में नजर आईं फिल्म Operation Jackpot Nalli C.I.D 999 में. साल 1969 में रिलीज हुई ये एक कन्नड़ फिल्म थी.
रेखा के भारतीय सिनेमा में कदम रखने की बात करें तो साल 1971 में उन्हें हिंदी फिल्मों में पहला ब्रेक मिला फिल्म हसीनों का देवता से. इसी साल उन्होंने दो और हिंदी फिल्में की थीं.
विनोद खन्ना हों या अमिताभ बच्चन, रेखा जब भी सिल्वर स्क्रीन पर नजर आईं तो तालियां भी खूब बजीं और सीटियां भी. रेखा का ये फैन्डम आज भी नजर आता है जब वह किसी अवॉर्ड शो में साड़ी पहनकर अपने उसी अंदाज के साथ मंच पर पहुंचती हैं.
रील लाइफ के अलावा रेखा अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहीं. उन्होंने दो शादियां की थीं. पहली एक्टर विनोद मेहरा से, जो कि चली नहीं क्योंकि उनकी मां ने रेखा को स्वीकार करने से मना कर दिया था.
दूसरी शादी उन्होंने बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से की थी जिन्होंने शादी के कुछ वक्त बाद सुसाइड कर लिया. रेखा को इसके बाद तमाम लोगों ने वैम्प टैग दिया था. हालांकि गुजरते वक्त के साथ वो इस सबसे उबर गईं.