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बॉलीवुड

ये 5 फैक्टर फैसला करेंगे कि सैफ की तांडव हिट होती है या फ्लॉप

तांडव
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एक्टर सैफ अली खान की बिग बजट वेब सीरीज तांडव 15 जनवरी को रिलीज होने जा रही है. जिस सीरीज के ट्रेलर ने पहले ही इतनी सुर्खियां बटोर ली हो, अब फैन्स भी उसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

तांडव
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लेकिन अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी ये सीरीज इतनी आसानी से हिट नहीं होने वाली है. ये एक ऐसा दौर है जहां देश की राजनीति को चाय बेचने वाला  से लेकर सूब-बूट वाला तक, हर कोई बखूबी समझता है. ऐसे में कोई भी गलती मेकर्स के लिए बड़ी सिरदर्दी बन सकती है.

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फिर भी अगर तांडव के मेकर्स 5 पहलुओं पर सफल हो गए तो ये सीरीज हिट जरूर बन सकती है और शायद दर्शक इसे बेस्ट पॉलिटिकल ड्रामा का भी तमगा दे दें.
 

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तांडव
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पहला फैक्टर तो सैफ अली खान ही होने वाले हैं. सैफ को इससे पहले भी इंटेंस रोल में देखा गया है. लेकिन यहां बहुत बड़ा फर्क है. सैफ एक नेता का रोल अदा करने वाले हैं. एक ऐसा नेता जिसे जनता के सामने तो खुद को प्रधान सेवक दिखाना है लेकिन कुर्सी पर बैठते ही अपने हित साधने हैं. ऐसे में एक्टर के हाव-भाव इस सीरीज को निर्णायक बनाने वाले हैं.

तांडव
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तांडव का दूसरा सबसे बड़ा पहलू खुद सुनील ग्रोवर हैं जो पहली बार निगेटिव रोल में नजर आने वाले हैं. हमेशा सभी को हंसाने वाले सुनील ग्रोवर पर मेकर्स का ये भरोसा किसी जुएंं से कम नहीं है. अगर एक्टर की एक्टिंग में थोड़ी भी कसर रह गई तो इसका सीधा असर सैफ पर पड़ेगा और फिर एक बेहतरीन सीरीज भी औसत बनकर रह जाएगी.

तांडव
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तांडव का ट्रेलर देख सोशल मीडिया पर ये बात कई बार कही गई ये फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है. मेकर्स ने जरूर मना किया, लेकिन कई डायलॉग्स और किरदारों को देख लोगों ने अपना मन बना लिया. ऐसे में अगर मेकर्स की करनी और कथनी में फर्क रह गया तो उनका सोशल मीडिया पर ट्रोल होना तय. माना जा रहा है. ऐसे में मेकर्स को यहीं उम्मीद रहनी चाहिए उनकी सीरीज सत्य घटनाओं के आस-पास भी ना हो.
 

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अब कोई अपनी कहानी ओटीटी के जरिए दर्शकों तक पहुंचाना चाहता है, तो उम्मीद तो यहीं की जाती है कि कहानी लीक से हटकर होगी, इसमें कुछ तो नयापन होगा या कह लीजिए कि कम से कम पुराने मापदंडों को तोड़ेगी. तांडव को लेकर भी ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं.

देश में जितनी भी फिल्में राजनीति पर बनाई जाती हैं, उनमें एक टिपिकिल नेता की कहानी होती है, ऐसा नेता जो भ्रष्टाचारी होगा, सिर्फ अपने बारे में सोचेगा और एक अपराधी भी हो सकता है. लेकिन सैफ की तांडव इन सब से आगे निकल पाएगी? क्या देश की देसी राजनीति तांडव में होती दिखेगी? सीरीज की सफलता इसी पर निर्भर करने वाली है.

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अब ऊपर बताए गए ये प्वाइंट भी तभी काम आ पाएंगे अगर अली अब्बास जफर के निर्देशन में दम होगा. उनकी डायरेक्शन पर काफी कुछ निर्भर करने वाला है. वे किस अंदाज में दर्शकों तक अपनी कहानी पहुंचाने वाले हैं, यही फैसला करेगा कि तांडव नए साल की पहली सुपरहिट सीरीज बन पाती है या नहीं. वैसे फिल्मों में तो अली का अनुभव हमेशा मेकर्स के काम आया है.

Photo Credit- Sunil Instagram

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